पंचायतों में पनपता भ्रष्टाचार
मनरेगा में मजदूरों का काम मशीनों से, कागजों में निकलती मजदूरी

जिला ब्यूरो चीफ रिपोर्टर हीरालाल गढ़वाल
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बस्ती टाइम 24 न्यूज
नर्मदापुरम /बनखेड़ी केंद्र एवं राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं किस प्रकार निचले कर्मचारियों एवं उनके संरक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती हैं। जिसका हाल ग्राम पंचायतों में आसानी से देखने को मिल सकता है ,, ग्राम पंचायतों में अनेक कार्य कागजों तक सीमित ही रह जाते हैं, चूंकि इन कार्यों से कमाई पंचायत कर्मचारियों एवं संरक्षक अधिकारियों के सिस्टम का हिस्सा बना है। वास्तविक मै हितग्राही शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ लेने में असमर्थ रहता है, जबकि लाभ सक्षम व्यक्ति ले लेता है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय निर्माण योजना जो कि कागजों में पूर्ण हो चुकी है और ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त घोषित भी हो चुकी है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं जहां व्यक्तियों को कागजों पर लाभ तो मिला लेकिन हकीकत में नहीं। इसी प्रकार अन्य योजनाएं तालाब निर्माण योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं। जिनमें सिर्फ कागजों में मजदूर के नाम एवं उनके खातों में पैसे डाले जाते हैं बाकी कार्य मशीनों से होता है । जिससे कर्मचारियों को काफी लाभ एवं मोटी कमाई का हिस्सा बना रहता है।
*कागजों में दर्शाए गए काम आज भी अधूरे*
जनपद के अंतर्गत पंचायतों में अनेक कार्य कागजों पर पूर्ण हुए काफी दिन व्यतीत हो चुके हैं बावजूद आज की जमीन पर वह कार्य गायब है इस प्रकार चलता बनखेड़ी जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों का विकास इन कार्यों की मॉनिटरिंग किन अधिकारियों द्वारा किया जाता है जिन्हें यह कार्य दिखाई देते हैं जबकि यह कार्य जमीन पर हुए ही नहीं बावजूद जनपद की कार्यशैली पर संदेह लाजमी है।
*कार्यवाही सिर्फ जांच तक सीमित*
अक्सर देखा जाता है कि ग्राम पंचायतों में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार समाचार पत्रों के माध्यम से उजागर होने के बाद भी उनके लोकल अधिकारियों के संरक्षण से भ्रष्टाचारी काफी हद तक बच जाते हैं क्योंकि जांच में ही इतना समय व्यतीत हो जाता है ,, जब तक अगला भ्रष्टाचार को अंजाम दे चुके होते हैं इस प्रकार लगातार संरक्षण से पंचायत कर्मियों के हौसले बुलंद चाहे कोई कितनी भी शिकायत करें हो ना जाना कुछ नहीं। कई पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ऐसे व्यक्तियों को मिला है जिन लोगों को कोई चीज की कमी नहीं है जिन लोगों को मुख्य प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना था उनको ना ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है और ना ही शौचालय का यह सब सरपंच सचिव की मिलीभगत से चलता है यदि गरीब व्यक्ति सरपंच सचिव से कोई चीज पूछता है तो वह है कह देते हैं आपका नाम लिस्ट में है लिस्ट में तो नाम है परंतु इस लिस्ट अगले लिस्ट हटा कर डाल देते हैं बात और फिर बाद में उपभोक्ताओं को यह कह देते हैं हम आपका काम जल्दी करा देंगे जल्दी काम कराने के लिए कुछ खर्चा पानी करना पड़ेगा उपभोक्ता परेशान होकर दो ₹10000 दे देते हैं