संस्कृत को घर-घर पहुंचाने की यूपी की पहल अब दिल्ली तक पहुंच गई है. लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से जुड़े 25 से ज्यादा प्रशिक्षक अब राजधानी दिल्ली में लोगों को संस्कृत संभाषण सिखाएंगे. इसके लिए उन्हें 23 अप्रैल से 4 मई तक नई दिल्ली स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में होने वाली कार्यशाला में बुलाया गया है
इस कार्यशाला का मकसद है कि संस्कृत बोलने की दक्षता को बढ़ावा देना और इसे आम लोगों की भाषा बनाना. यूपी से बुलाए गए प्रशिक्षकों में लखनऊ, मथुरा, गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर, जौनपुर और झांसी जैसे जिलों के नाम शामिल हैं.
*दिल्ली में सिखाना गर्व की बात-यूपी प्रशिक्षक*
सोनभद्र से संस्कृत आचार्य देवेश गोस्वामी कहते हैं कि, “अब दिल्ली जैसे बड़े मंच पर संस्कृत सीखने और सिखाने का मौका मिल रहा है, ये गर्व की बात है.”
इसके अलावा संस्कृत के साथ-साथ शास्त्र, योग और ज्योतिष जैसी पारंपरिक विधाओं को आगे बढ़ाने में यह योजना अहम भूमिका निभा रही है.