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मंत्र ध्यान साधना से न्यूरो रोगों में अद्भुत सुधार, वैज्ञानिक शोधों ने भी माना प्रभाव
प्रो. डॉ. नवीन सिंह, राष्ट्रीय महासचिव, विश्व संवाद परिषद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ, भारत

बस्ती से वेदान्त सिंह
आज का आधुनिक युग मानसिक दबाव, चिंता और तनाव से भरा हुआ है। काम का बोझ और असंतुलित जीवनशैली के कारण मानव मस्तिष्क सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। इसके परिणामस्वरूप पार्किंसंस, अल्ज़ाइमर, एपिलेप्सी, माइग्रेन, डिप्रेशन, एंग्जायटी, स्लीप डिसऑर्डर और न्यूरोपैथी जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। ये रोग न केवल मानसिक संतुलन बिगाड़ते हैं, बल्कि शरीर की कार्यक्षमता को भी प्रभावित करते हैं।
🧠 आधुनिक चिकित्सा की सीमाएँ
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में आधुनिक चिकित्सा दवाओं और मशीन आधारित तरीकों का उपयोग करती है। ये उपचार अस्थायी राहत तो देते हैं, लेकिन लंबे समय तक इनका प्रयोग नींद की गड़बड़ी, मानसिक सुस्ती, यौन दुर्बलता, हृदय गति में असंतुलन और दवा-निर्भरता जैसे दुष्प्रभाव उत्पन्न करता है। कई मामलों में इन दवाइयों से मस्तिष्क की प्राकृतिक हीलिंग क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
🕉️ मंत्र ध्यान साधना की वैज्ञानिक शक्ति
भारतीय वेदों और योग शास्त्रों में कहा गया है —
“मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः”, अर्थात मन ही बंधन का कारण है और मन ही मुक्ति का भी।
मंत्र ध्यान साधना इसी सिद्धांत पर कार्य करती है। प्रत्येक मंत्र में विशिष्ट ध्वनि कंपन (Vibration Frequency) होती है, जो मस्तिष्क की तरंगों को संतुलित करती है और ब्रेन वेव्स को अल्फ़ा एवं थीटा अवस्था में ले जाती है। यही वह अवस्था है, जहाँ मस्तिष्क में न्यूरॉन रिपेयरिंग, डीप रिलैक्सेशन और सेल रीजेनेरेशन होता है।
🔬 वैज्ञानिक शोधों से प्रमाण
हाल के वैज्ञानिक अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि मंत्र जप और ध्यान से —
1️⃣ सेरोटोनिन और डोपामिन का स्तर बढ़ता है, जिससे सुख और शांति की अनुभूति होती है।
2️⃣ एमिग्डाला का तनाव घटता है, जिससे भय, क्रोध और चिंता में कमी आती है।
3️⃣ प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स सक्रिय होता है, जिससे निर्णय क्षमता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
4️⃣ न्यूरल पाथवे पुनर्जीवित होते हैं, जिससे अल्ज़ाइमर, पार्किंसंस और डिप्रेशन जैसे रोगों में सुधार देखा गया है।
🌿 लाभकारी मंत्र
ॐ नमः शिवाय — मानसिक शांति और नकारात्मक विचारों से मुक्ति देता है।
गायत्री मंत्र — चेतना और बुद्धि को जाग्रत करता है।
महा मृत्युंजय मंत्र — न्यूरॉन कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और जीवन ऊर्जा को संतुलित रखता है।
ॐ शांति शांति शांति — मानसिक थकान और तनाव को समाप्त करता है।
💫 जीवन में मंत्र ध्यान का समावेश
प्रत्येक व्यक्ति यदि प्रतिदिन 15–20 मिनट मंत्र जप या ध्यान का अभ्यास करे, तो मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियाँ संतुलित होती हैं। इससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, तनाव घटता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। शोधों में पाया गया है कि नियमित ध्यान करने वाले लोगों में न्यूरोलॉजिकल विकारों की संभावना 40–60% तक कम होती है।
🪔 निष्कर्ष
मंत्र ध्यान साधना केवल आध्यात्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि मस्तिष्क और मन का प्राकृतिक उपचार है। जहाँ आधुनिक चिकित्सा रोग के लक्षणों को दबाने तक सीमित है, वहीं मंत्र ध्यान साधना उसके मूल कारण — मन की अशांति — को समाप्त करती है।
प्रो. डॉ. नवीन सिंह का कहना है कि “योग, ध्यान और मंत्र साधना को यदि हम जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लें, तो न केवल न्यूरो रोगों से मुक्ति संभव है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी सहज प्राप्त हो सकता है।”
🧘♀️ आधुनिक विज्ञान भी अब स्वीकार कर रहा है कि —
“ध्यान और मंत्र साधना ही मस्तिष्क की सबसे गहरी चिकित्सा है।”

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