देशधर्मपन्नाब्रेकिंग न्यूज़मध्य प्रदेशशिक्षा
आध्यात्मिक उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दीपावली पर्व

ब्यूरो चीफ सुधीर अग्रवाल
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दीपावली का पर्व बड़े ही उमंग, उत्साह एवं आध्यात्मिक रीति से मनाया गया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए पर्व के वास्तविक आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।
ब्रह्माकुमारी बहन ने कहा कि दीपावली केवल बाहर की रोशनी का त्यौहार नहीं है, बल्कि आत्मा के भीतर के अंधकार को हटाकर प्रकाश जगाने का पर्व है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमें स्मरण दिलाता है कि जैसे एक दीपक हजारों दीपों को जलाने की क्षमता रखता है, वैसे ही एक जागृत आत्मा संसार में नई चेतना फैला सकती है।
आंतरिक शुद्धता पर ज़ोर:
संबोधन में कहा गया कि जब हम मिट्टी के शरीर में पवित्र आत्मा का यह दिया जलाते हैं, तो अहंकार, अभिमान का अंधकार खत्म हो जाता है। दिया जलाना अर्थात किसी को कुछ देना – सम्मान देना, आत्मिक स्नेह, सहयोग देना।
ब्रह्माकुमारी बहन ने घर की सफाई के साथ-साथ मन की भी सफाई करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मन के कोने-कोने में दबी पड़ी पुरानी बातों, गलत संस्कारों की धूल और अपमान के दाग को हटाना आवश्यक है, जिनकी अब जीवन में जरूरत नहीं है।
श्रेष्ठ कर्मों का वही खाता:
दीपावली पर पुराने वही खाते को नया बनाने की परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन के कर्मों के इस व्यापार में हमें देखना है कि हम कहीं नुकसान में तो नहीं जा रहे हैं। उन्होंने दुआएं कमाकर श्रेष्ठ कर्मों का वही खाता खोलने और अपने कर्मों को सुधारते हुए जीवन को श्रेष्ठ दिशा देने का आह्वान किया।
दीपावली पर शुभ, लाभ लिखने की रस्म का आध्यात्मिक अर्थ समझाते हुए कहा गया कि लाभ तभी होगा जब हम लाभ का उल्टा करें ‘भला’ – अर्थात सर्वे का भला सोचना और शुभ कर्म करना।
कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित भाई-बहनों ने दीप जलाकर सभी की आत्म ज्योति जगाने का संकल्प किया।
उल्लेखित आध्यात्मिक आह्वान:
श्रेष्ठ कर्मों का वही खाता बनाएं
लक्ष्मी जी के साथ लक्ष्मी जी के दिव्य गुणों का आवाहन करें
मन का आत्मदीप जलाएं, जीवन में लाये नवीनता

Subscribe to my channel


