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सौर ऊर्जा से ग्रामीण सशक्तिकरण और सतत विकास की दिशा में यूजीपीएफ की नई पहल

राजस्थान हेड डॉ राम दयाल भाटी
बीकानेर, 13 अक्टूबर 2025
यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन (UGPF) द्वारा बीकानेर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संगठन के चेयरमैन श्री मेघराज सिंह रॉयल ने सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं और सतत विकास की दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
श्री रॉयल ने बताया कि यूजीपीएफ ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से रोजगार सृजन, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन विकास को जोड़ने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत दो प्रमुख परियोजनाएँ नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी जा चुकी हैं। इनका उद्देश्य देशभर में सामुदायिक विकास और सतत ऊर्जा समाधान को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी आवश्यकता रोजगार और पर्यावरण संरक्षण है। यूजीपीएफ द्वारा प्रस्तावित सोलर प्रोजेक्ट के अंतर्गत चार एकड़ में एक मेगावाट का सोलर पार्क लगाया जाएगा, जिसमें दो एकड़ भूमि पर्यावरण पार्क के रूप में विकसित की जाएगी। इसमें पेड़-पौधों, तालाबों और ओरण–गोचर जैसे घटकों को शामिल किया जाएगा।
रॉयल ने कहा कि जब तक स्थानीय किसानों और युवाओं को सीधे तौर पर लाभ नहीं मिलेगा, तब तक सतत विकास संभव नहीं है। इसलिए, सोलर और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस परियोजना से करीब 45 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने जयपुर के “धुन प्रोजेक्ट” और “सूर्यागढ़ सोलर प्लांट” का उदाहरण देते हुए कहा कि यूजीपीएफ ने पहले भी कई सफल मॉडल प्रस्तुत किए हैं।
आतिथ्य प्रबंधन (हॉस्पिटैलिटी) में रोजगार सृजन की पहल
श्री रॉयल ने बताया कि फाउंडेशन ने युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत युवाओं को ₹10,000 प्रतिमाह वेतन और रहने–खाने की सुविधाएँ दी जा रही हैं। पहले चरण में 100 युवाओं को जोड़ा गया है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर प्रत्येक प्रतिभागी को ₹5.40 लाख की राशि फाउंडेशन की ओर से प्रदान की जाएगी।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि देश के सभी 4 और 5 सितारा होटलों में इस मॉडल को अपनाया जाए ताकि अधिक से अधिक युवा प्रशिक्षण लेकर रोजगार पा सकें। रॉयल ने बताया कि यदि एक लाख युवा आतिथ्य क्षेत्र में विदेशों में काम करें, तो भारत की विदेशी मुद्रा आय 36 अरब रुपए से अधिक हो सकती है।
इस अवसर पर प्रधान सलाहकार विक्रांत सिंह तोमर ने कहा कि यूजीपीएफ का उद्देश्य भारत के प्राचीन सिद्धांत “वसुधैव कुटुम्बकम्” को आधुनिक “सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल” से जोड़ना है। यह केवल ऊर्जा उत्पादन नहीं, बल्कि समग्र ग्रामीण पुनर्निर्माण आंदोलन है, जिसमें रोजगार, शिक्षा, पर्यावरण और संस्कृति के चारों स्तंभों पर एक साथ काम किया जा रहा है।
निदेशक शक्ति सिंह बांदीकुई ने “सर्वे भवन्तु सुखिनः” एचआर–सीएसआर सम्मेलन के निष्कर्ष साझा करते हुए बताया कि फाउंडेशन इस दिशा में पहले से पायलट प्रोजेक्ट चला रहा है।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर जितेन्द्र सिंह शेखावत (निदेशक), के.के. बोहरा (मीडिया सलाहकार), मुकेश मेघवंशी (प्रबंधक) तथा श्रीमती सुनीता भाटी भी उपस्थित रहे।
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