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राजमाता सिंधिया के जीवन से सेवा समर्पण और संगठन की प्रेरणा मिलती है:- बांठिया
राजमाता सिंधिया के साथ स्व. चंपालाल बांठिया ने अकालग्रस्त क्षेत्रों में किया था सेवा कार्य

ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग
बालोतरा।
भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य गणपत बांठिया एवं श्री चंपालाल बांठिया चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने राज
माता विजयाराजे सिंधिया की जयंति पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हे याद किया गया।
भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं श्री चंपालाल बांठिया चेरीटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष गणपत बांठिया ने राजमाता विजयराजे सिंधिया की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन आमजन की सेवा और देश सेवा में व्यतीत हुआ है जो आज भी प्रेरणास्त्रोत है।भाजपा की संस्थापक सदस्य, आठ बार सांसद तथा राजमाता संगठन और देशप्रेम की विचार धारा के साथ राजनीति एवं आपातकाल में दिया गया उनका योगदान अतुलनीय है।बांठिया ने कहा कि राजमाता सिंधिया न केवल भारतीय राजनीति में एक प्रखर और आदर्श व्यक्तित्व रहीं, बल्कि उन्होंने महिलाओं में राजनीतिक चेतना जगाने का भी ऐतिहासिक कार्य किया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी संगठन और विचारधारा के प्रति अडिग रहते हुए भाजपा की नींव को मजबूत किया।उन्होंने कहा कि राजमाता के विचार और जीवन दर्शन हमें सदैव समाज के प्रति निष्ठा, सेवा और समर्पण का भाव बनाए रखने की प्रेरणा देते हैं।
बांठिया ने बताया कि तत्कालीन पूर्व विधायक पूज्य पिताजी स्व.चंपालाल बांठिया के साथ क्षेत्र में अकाल एवं बाढग़्रस्त इलाकों में पीडि़तों की सेवार्थ कुशलता के साथ कार्य करते थे। राजमाता अपने बाड़मेर दौरें के दौरान तीन दिवस तक पूर्व विधायक स्व.चंपालाल बांठिया के निवास स्थान पर रूकीं एवं प्रतिदिन सुबह होते हीं अकाल पीडि़तों का दुख दर्द बांटने निकल पड़ते थे। राजमाता का मानना था कि कार्यकर्ता आम हो या खास उसको स्वयं आमजन तक पहुंचकर उनके सुख दुख में भागीदार बनना पड़ता है, इस दौरान राजमाता स्व.चंपालाल बांठिया के सादगी भरें जीवन और आमजन के साथ सीधे संवाद एवं कार्यकुशलता की प्रशंसा भी की थी।

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