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सही होगा भोजन तो स्वस्थ होगा तन-मन

बस्ती से वेदान्त सिंह

 

हमारे भोजन का सेहत से बड़ा गहरा रिश्ता है। भोजन सही हो, तो तन-मन हमेशा स्वस्थ बना रहता है, जबकि भोजन की गड़बड़ी तन-मन को रोगी बना डालती है, इसलिए भोजन में शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्वों का जैसे प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट फैट यानी वसा विटामिन खनिज लवण तथा जल की पर्याप्त एवं संतुलित मात्रा का होना अत्यंत आवश्यक होता है

शरीर को स्वस्थ, सुडौल, शक्तिशाली तथा निरोग बनाने के लिए संतुलित – भोजन के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं-

1. प्रोटीन

प्रोटीन का एक बड़ा भाग मांसपेशियों व तंतुओं में पाया जाता है। प्रोटीन – ऊर्जा, शक्ति-स्फूर्ति और उत्साह उत्पन्न करता है, शारीरिक विकास में सहायक है तथा शरीर की क्षतिपूर्ति करता है। यह दालों, अनाजों, दूध, पनीर, फल, मेवों आदि में पाया जाता है।

2. कार्बोहाइड्रेट

शरीर के तापमान को बनाए रखने का कार्य कार्बोहाइड्रेट करता है। शरीर को 70 प्रतिशत ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त होती है। कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं। कार्बोहाइड्रेट के अभाव में भोजन का पाचन अच्छी तरह नहीं हो पाता है। यह शरीर की वसा (फैट) को पचाने में मदद करता है। चावल, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, आलू, अरवी, गन्ना, खजूर, केला, मीठे फल आदि कार्बोहाइड्रेट के बेहतर प्राकृतिक स्रोत हैं।

3. वसा (फैट)

वसा ऊर्जा का ठोस प्रकार है। भोजन की कुल ऊर्जा का 10 प्रतिशत वसा के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। वसा शरीर में गरमी तथा शक्ति उत्पन्न करती है। शुद्ध घी, दूध, दही, मक्खन, तेल, बादाम, मूंगफली, नारियल, अखरोट, = काजू आदि वसा के बेहतर प्राकृतिक स्रोत हैं।

लेकिन ध्यान रहे, वसायुक्त पदार्थों का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। वसा शरीर के लिए आवश्यक तत्व है, इसके सेवन से शरीर में चिकनाई पहुंचती है, लेकिन श्रम के अभाव में वसा शरीर का वजन बढ़ा देती है। शरीर में वसा की कमी होने पर यह शरीर में मौजूद वसा का उपयोग करता है तथा शरीर में शुष्कता लाता है। दूसरी ओर वसा का अधिक सेवन करने से पाचन क्रिया कमजोर होती है, साथ ही इसकी अधिकता शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाती है।

4. विटामिन

विटामिन शरीर को स्वस्थ तथा रोगमुक्त रखते हैं। फल, हरी सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां, नीबू, टमाटर, मटर, सेम, गाजर, पपीता, घीया, नाशपाती, पत्तागोभी, सोयाबीन, जामुन, संतरा, तरबूज, सेब, अंकुरित गेहूं, आंवला, अमरूद, अंगूर, पालक आदि विटामिनों के बेहतर प्राकृतिक स्रोत हैं।

5. खनिज-लवण

प्रकृति में लगभग 20 प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं। इनमें से प्रमुख हैं-कैल्शियम, पोटाशियम, मैग्नीशियम, सोडियम, लीथियम, बेरियम, आयरन, मैगनीज, कॉपर, आयोडीन, क्लोरीन, सिलिकॉन आदि। मनुष्य की हड्डियों में खनिज-लवण मुख्य रूप से मौजूद रहते हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। ताजी साग-सब्जी, पालक, चुकंदर, फूलगोभी, मूली, मेथी, चौलाई, खरबूजा, साबूत मूंग, चना, मूंगफली, गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, जौ, परवल, करेला, ककड़ी, पपीता, चीकू, अनार, नाशपाती, टमाटर, पत्तागोभी, दूध आदि में खनिज-लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

6. जल

पानी शरीर की सफाई करके गंदे पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है, भोजन के पाचन में और खून के दौरे में मदद करता है तथा शरीर के तापक्रम को समान रखता है। इसलिए रोजाना 12 से 15 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। भरपूर मात्रा में पानी पीने से शरीर के विकार बाहर निकल जाते हैं, जबकि कम मात्रा में पानी पीने से शरीर से विष नहीं निकलता है।

*डॉ अर्चना दुबे*, अध्यक्ष

अखंड एक्यूप्रेशर रिसर्च ट्रेंनिंग एंड ट्रीटमेंट इंस्टीट्यूट, प्रयागराज

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*अर्चना दुबे एक्यूप्रेशर*

*अर्चना दुबे हेल्थ लैब*

Vedant Singh

Vedant Singh S/O Dr. Naveen Singh Mo. Belwadandi Po. Gandhi Nagar Basti Pin . 272001 Mob 8400883291 BG . O Positive vsvedant12345@gmail.com

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