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संस्कृतियों और परम्पराओं का महापर्व है कुम्भ-स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज
जर्नलिस्ट डॉक्टर संजय कुमार पांडेय स्टेट हेड उत्तर प्रदेश बस्ती टाइम्स 24 न्यूज़ चैनल जनता की आवाज से बहाटसप मोबाइल नंबर 736 32 61 75
आप समस्त देशवासियों एवं प्रदेशवासियों को बड़े हर्ष के साथ आप सभी लोग महाकुंभ 2025 का मेला मनाऐ क्योंकि प्रयागराज महाकुंभ मेले का वर्णन वेद पुराण शास्त्र उपनिषद सभी में आता है प्रयागराज महाकुंभ में स्नान का फल जन्मो जन्माअंतर के पापों को नष्ट कर देता है अवगत कराने का अर्थ यह है जिस प्रकार से गागर में सागर कहा जाता है उसी प्रकार से सिर्फ समागम में पहुंचने से ही परम ब्रह्म परमेश्वर की असीम कृपा प्राप्त हो जाती है
*महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई में शामिल हुए अलीगढ के संत*
*अलीगढ़ /प्रयागराज*।विश्व स्तरीय मेले महाकुम्भ 2025 में आगामी शाही स्नान हेतु अखाड़ों के शिविर लग चुके हैं,तथा सभी अखाड़ों की पेशवाई भी निरंतर देखने को मिल रही है जबकि इसी क्रम में महाकुम्भ मेला क्षेत्र में महानिर्वाणी अखाडा भी प्रवेश कर गया और इसकी पेशवाई में नागा संन्यासियों के अनूठे करतब ने सबका मन मोह लिया। इस दौरान हाथी,घोड़े,ऊँट पर बैठकर सन्यासी एवं नागाओं की शोभायात्रा में देश के तमाम जगहों से संतों ने भाग लिया वहीं अलीगढ से महानिर्वाणी अखाडा से जुड़े संत वैदिक ज्योतिष संस्थान के अध्यक्ष स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने भी पेशवाई की।महाकुम्भ मेला में पेशवाई के महत्व को लेकर स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि महाकुंभ एक ऐसा धार्मिक पर्व है,जो विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के संगम का प्रतीक है और इसमें देशभर से लोग आते हैं।इस आयोजन में श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु-संतों का भी खास स्थान होता है साथ ही महाकुंभ में प्रवेश करने वाले इन साधु संतों की शाही यात्रा को पेशवाई कहा जाता है और इन्हें महाकुंभ का वाहक माना जाता है।इस यात्रा के दौरान गले में नरमुंड,पूरे शरीर में चिता भस्म लपेटे नागा संतों ने सिर घुमाकर जब अपनी जटाओं को हवा में लहराया तो यह दृश्य देख लोग अचंभित हो उठे।वहीं मुख से मशाल में आग लगा और तांडव का नजारे ने लोगों को आकर्षित किया और नागा संतों का इस तरह का करतब पूरी पेशवाई के दौरान चलता रहा।