
ब्यूरो रिपोर्ट अजीमुल्ला खान
रामपुरा
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ग्रामीणों के उत्थान और गांवों की विकास के लिए करोड़ों रूपए पंचायत को मुहैया कराती है, लेकिन पंचायत में जनता के भरोसे से बैठे जिम्मेदारों ने इस तरह भ्रष्टाचार किया कि आज न तो विकास दिख रहा है और न ही ग्रामीणों का उत्थान मनासा जनपद पंचायत आने वाले ग्राम अमरपुरा पंचायत के सालरमाला गांव में पंचायत के सचिव एवं सहायक सचिव खुलेआम भ्रष्टाचार कर गरीबों के हक का पैसा लूट कसोडकर खा रहे हैं एवं नियमों को ताक पर रख कर बिल का भुगतान किया गया है, हर निर्माण कार्य में कमीशन के लिए घोर अनियमितताएं की गई। सचिव और सहायक सचिव के द्वारा नरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास के एवज में गरीबों से 4 से ₹5000 प्रति लाभार्थी की वसूली की जा रही है अगर लाभार्थी देने में आनाकानी करता है तो उन्हें अगली किस्त नहीं दी जाएगी ऐसा बोल कर ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है वही नरेगा कार्य में सचिव दिनेश रत्नावत आ सहायक सचिव दिलीप रावत के द्वारा नरेगा कार्य में बड़ा घोटाला किया जाकर गरीबों का पैसा किसी अन्य के अकाउंट में डालकर स्वयं के द्वारा निकाला जा रहा है ग्रामीणों ने दोनों भ्रष्ट कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं एवं इस विषय में क्षेत्र के विधायक अनिरुद्ध माधव मारू को भी अवगत कराया है अमरपुरा पंचायत के सचिव एवं सहायक सचिव अपने मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं जो शासन की मंशा के विपरीत है, उसके बावजूद भी आज तक ऐसे लोगों पर न तो कार्यवाही की गई और न ही भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास किया गया, शायद यही कारण है कि सचिव, और रोजगार सहायक मिलकर चहेतों को उपकृत करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं।
रोजगार सहायक और सचिव का खेल :
पंचायत में होने वाले सामुदायिक स्वच्छता परिसर एवं अन्य कार्यों की अगर जांच की जाए तो दोनों कर्मचारी के और भी भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं पंचायत से संबंधित कोई भी काम हो इन दोनों की जेब भरे बिना ग्रामीणों का कोई काम हो रही सकता इसको लेकर दोनों कर्मचारी ग्रामीणों से अवैध वसूली कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं
आवास योजना में भी गड़बड़झाला :
लोगो में इनका रौब कुछ इस कदर का है कि पंचायत का ऐसा कोई भी कार्य नही है, जिनमें इनका भारी भरकम कमीशन नहीं रहता। चाहे फिर मनरेगा का कार्य हो या पीसीसी रोड का निर्माण या फिर प्रधान मंत्री आवास योजना।
मनरेगा योजना का उद्देश्य लोगो को रोजगार प्रदान करने की गारंटी देता है ताकि गरीब मजदूर वर्ग के लोगों का जीवन यापन आसानी से हो सके, इन भ्रष्ट लोगों के द्वारा नरेगा का पैसा अपने अधीनस्थ कुछ चुनिंदा लोगों के खातों मे राशि का भुगतान कर के बहुत ही शातिर तरीके से राशियों का हेरफेर कर लिया जाता है, इनके बिल भुगतान भी बहुत ही सरल तरीके से हो जाता है। ग्राम पंचायत ऐसे काम के लिए इनके हौसले इतने बुलंद है कि प्रशासन का इनको जरा भी डर नहीं है।