
नीमच जिला ब्यूरो रिपोर्ट अजीमुल्ला खान
लोकेशन जिला नीमच तहसील रामपुरा
गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया
गोबर के भगवान गोवर्धन बनाए जाते हैं
महिलाएं विधि विधान से पूजा अर्चना करती हैं
गाय माता को भी मेहंदी लगाकर सजाया जाता है
जिला ब्यूरो रिपोर्ट अजीमुल्ला खान
रामपुरा नगर में गोवर्धन पूजा का पर्व हर्ष उल्लास उमंग के साथ मनाया गया गोवर्धन पूजा के लिए गौबर के भगवान बनाए गए और सभी महिलाओं ने विधि विधान से पूजा अर्चना की गौरतलब है कि गोवर्धन पूजा के दिन
गायों को गोवर्धन के ऊपर गाय को घुमाया जाता है भगवान गोवर्धन को गोबर से बना कर पूजा अर्चना की जाती है सभी महिलाएं अपने घरों के बाहर गोवर्धन पर्वत बनाती हैं हर वर्ष दीपावली के दूसरे दिन ही गोवर्धन का पर्व मना कर भगवान गोवर्धन को अंकूट का प्रसाद का भोग लगाया जाता है
इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने के कारण पूरे देश में 26 अक्टूबर के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। आज पूरे देश में दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने के कारण पूरे देश में 26 अक्टूबर के दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसे फूलों से सजाना चाहिए। गोवर्धन पर्वत के पास ग्वाल- बाल की आकृति बनाकर उसके पास ही भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति रखनी चाहिए। गोवर्धन पूजा के समय भगवान श्रीकृष्ण को धूप ,दीप से आरती करें और उन्हें अन्नकूट का भोग लगाएं। गोवर्धन पूजा को लेकर वृंदावन, मथुरा, बरसाना, गोकुल के लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एक बार इंद्र ने क्रोध में आकर ब्रज में तेज वर्षा करने लगे। ब्रजवासियों की तेज वर्षा से रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली से उठा लिया और सभी ब्रज वासियों को उसके नीचे आने को कहा जिसके बाद इंद्र का अभिमान टूट गया और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी कहा जाता है कि इसी दिन से गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई