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मातृ भाषा का स्थान सर्वोपरि, हिंदी भाषा नहीं जीवन पद्धति बस्ती

मातृ भाषा का स्थान सर्वोपरि, हिंदी भाषा नहीं जीवन पद्धति बस्ती। हिंदी का कोई विकल्प नहीं है। मातृभाषा का स्थान सर्वोपरि होता है। मातृभाषा शब्द से मेरी मां का भाव जुड़ा है। जिस प्रकार से मां से अलग होकर नवजात का विकास नहीं हो सकता उसी प्रकार से मातृभाषा से अलग होकर दैश व समाज पोषित-पल्लवित नहीं हो सकते।

ये बातें चौधरी चरण सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय पद्मापुर पांडव नगर के प्राचार्य डॉ. हरिओम ने व्यक्त कहीं। वे हिंदी दिवस पर बुधवार को कॉलेज सभागार में आयोजित गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा रानी सिंह ने कहा कि हिंदी दिवस पर संकल्प लें कि हम ज्यादा से ज्यादा कार्यों को हिंदी में करने की आदत बनाएंगे। हिंदी भाषा ही नहीं, हमारी संस्कृति है, हमारा गौरव है। महाविद्यालय के प्रवक्ता अमित कुमार द्विवेदी ने कहा कि नाना प्रकार की भाषाओं के ज्ञान साथ हिंदी यानी अपनी मातृ भाषा को मूल में रखें। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। जमुना, हरिश्चंद्र आदि लोग मौजूद रहे।
इसी क्रम में दी सिटी मांटेसरी स्कूल में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन हुआ। हिंदी के समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल को याद किया गया। प्रबंधक अनूप खरे एवं प्रधानाचार्य नूपुर त्रिपाठी ने आचार्य के चित्र पर पुष्पार्चन किया। हिंदी दिवस पर सभी अध्यापकों के बीच हिंदी और हिंदी की उपयोगिता विषय पर लेख प्रतियोगिता कराई गई जिसमें प्रथम शिक्षिका दीपिका श्रीवास्तव, द्वितीय स्थान बराबरी पर रहा। इस नाते संध्या त्रिपाठी एवं जावित्री शुक्ला को पुरस्कृत भी किया गया। इस मौके पर विद्यालय ने हिंदी दिवस पखवाड़ा भी मनाने का फैसला किया जिसमें प्रतिदिन बच्चों में निबंध प्रतियोगिता पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज कंपटीशन आदि कराए जाएंगे। ।
इसी क्रम में दिव्य ज्योति चेतना मिशन हरिद्वार की ओर से प्रेस क्लब सभागार में हिंदी दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने हिंदी के महत्व, वर्तनी की त्रुटियों और कलमकारों द्वारा लेख में अपनाये जा रहे शार्टकट पर विस्तार से ध्यान आकृष्ट कराया। वरिष्ठ पत्रकार दिनेशचन्द्र पांडेय, विनोद कुमार उपाध्याय, जयंत कुमार मिश्रा, टीपी मिश्र, सतेन्द्रनाथ मतवाला आदि ने सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की। जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन राजेन्द्रनाथ तिवारी ने कहा जनप्रतिनिधियों की बदौलत हिंदी को राष्ट्रभाषा का सम्मान नहीं मिल पाएगा। इसके लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करना होगा।
कार्यकम का संचालन कवि रामकृष्ण लाल जगमग ने किया। इस मौके पर विनोद कुमार उपाध्याय, अर्चना श्रीवास्तव, संध्या दीक्षित, डॉ. अजीत श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह राही, पंकज सोनी, पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल व महेंद्र त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
जीवीएम कांवेंट स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच हिंदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्या विजय लक्ष्मी सिंह ने किया। इसके बाद फिरदौस, अमूल्या व अफसरा ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। वैष्णवी, श्रेयांशी, एंव ज्योति ने अपने दोहो से सभी को आकर्षित किया। अदिति, दृष्टि ने हिंदी की मनमोहक कविताएं सुनाईं। फिरदौस एवं जाह्नवी ने हिंदी में भाषण दिया।
इसी क्रम में महिला पीजी कॉलेज में हिंदी विभाग की ओर से निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो सुनीता तिवारी, संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियंका सिंह ने किया। प्रतियोगिता में सुहानी शुक्ला प्रथम, क्षमा सिंह द्वितीय और स्तुति को तृतीय स्थान मिला। कर्मा देवी स्मृति पीजी कॉलेज में संगोष्ठी की अध्यक्षता अधिनस्थ सेवा चयन के सदस्य ओम नारायण सिंह और संस्थान के सीईओ अंशू सिंह गौतम ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार मिश्र एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. गोपेश्वर दत्त पांडेय और मुख्य वक्ता के रूप डॉ. सोनम सेठ रहे। कार्यक्रम का संचालन डा अनीता सिंह ने किया । कार्यक्रम संयोजक डा. मुकेश कुमार मिश्र ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। जीआरएस इंटर कॉलेज में हिंदी दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रबंधक जगदीश्वर प्रसाद सिंह रहे। कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। जिसका वृहद रूप में प्रचार-प्रचार किया जाना चाहिए। इस मौके पर महेन्द्र कुमार सिंह, शान्ती चौधरी, हेमलता, श्रीनाथ, ओपी श्रीवास्तव, दीनानाथ, सत्य प्रकाश, चक्रधर मौर्या, विजय कुमार गुप्त, देवेंद्र श्रीवास्तव, राजेश आर्या ,विजय कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

अमर उजाला

Viyasmani Tripathi

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