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राशन दुकानों पर हो रहा घोटाला गरीब जनता के अनाज को आखिर किसकी लगी नजर

 

ब्यूरो रिपोर्ट,,, दशरथ माली चचोर

 

 चचोर रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश

 रामपुरा तहसील के ग्रामीण अंचल में राशन वितरण दुकानों पर हो रहा भारी भ्रष्टाचार।किसकी छत्रछाया में पनप रहा भ्रष्टाचार।यह भ्रष्टाचार यूं ही नहीं होता इसमें सेल्समेन व ऊपरी अधिकारी की मिली भगत से होता है। पिछले कई दिनों से जांच टीम द्वारा सभी दुकानों पर जांच की जा रही थी। की किन-किन दुकानों पर पर्याप्त स्टॉक है या नहीं। पर जांच टीम द्वारा एक भी दुकान पर कार्रवाई नहीं की गई।इससे यह अंदेशा होता है कि सभी दुकानों पर पर्याप्त राशन बताया गया है।। किसी भी राशन वितरण दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीण अंचल के सेल्समैनों के हौसले बुलंद। भ्रष्टाचार करने में अव्वल।अनाज के रूप में गरीब जनता को कभी चावल वितरण तो कभी गेहूं वितरण कर अपना कोटा पूरा कर देते हैं ।और जनता त्राहिमाम त्राहिमाम करती रहती हैं सुनने वाला कोई नहीं। भ्रष्टाचार करने में ग्रामीण अंचलों में समूह की छोटी-छोटी राशन की दुकानों पर आम जनता के साथ सही व्यवहार ना करते हुए राशन वितरण कभी अनाज के रूप में गेहूं दे देते हैं तो कभी चावल और कभी-कभी किसी के अंगूठे लगवाने के बाद भी उनको अनाज वितरण नहीं किया जाता है यह कहकर टाल देते हैं कि आपका प्रिंट नहीं आ रहे हैं। और उसको बोलते हैं अगली बार आना और जब वह व्यक्ति अगली बार आता है तब तक उसका अनाज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। ऐसा ही हो रहा है रामपुरा तहसील के ग्राम पंचायत चचोर की आसपास की समूह से बनी छोटी राशन की दुकानों पर जिसमें आम जनता को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। कुछ ग्रामीणों द्वारा जानकारी मिली है कि हमें समय पर गेहूं चावल नहीं दिए जा रहे हैं।और जो समूह से बनी राशन वितरण की दुकानों पर जो महिलाएं राशन वितरण करती हैं वह बड़े ही दबंगई के साथ आम जनता से पेश आती है।ग्रामीण द्वारा नाम ना बताते हुए, राशन दुकान से कभी चावल तो कभी गेहूं हीं देते है। पिछले 2 माह से और किसी का कहना है कि हमें तो गेहूं और अनाज दोनों ही नहीं देते हैं।आखिर इतना भ्रष्टाचार कैसे।क्यों गरीब जनता के राशन पर भ्रष्टाचार की नजर । राशन की दुकानों पर कहीं-कहीं पुरुष होते हैं तो कहीं-कहीं महिलाएं राशन वितरण कर रही है। जहां महिलाएं दुकान संचालित कर रही हैं वहीं पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है। क्योंकि जनता महिलाओं से ज्यादा बोल नहीं सकती और भ्रष्टाचार सहन कर चले जाते हैं। गरीब मजदूर और बे सहारा लोगों के साथ ऐसा ही हो रहा है। जहां महिलाएं दुकान संचालित कर रही हैं। समूह से चलने वाली छोटी राशन की दुकानों पर पूरी तरह जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर ऐसी दुकानों को ब्लैक लिस्ट कार्यवाही करना चाहिए। जिम्मेदार आखिर क्यों है मोन क्या सभी के हाथ भ्रष्टाचार से रंगे हुए हैं देखते हैं क्या होता है खबर का असर।।बहुत जल्द करते हैं खुलासा किन-किन दुकानों पर इस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है,,,

Viyasmani Tripathi

Cheif editor

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