कहीं खुशी कहीं गम : महेंद्रगढ़ जिले में अब तक 28 हजार बीपीएल नए कार्ड बने, कितने कटे आंकड़ा नहीं

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार की रिपोर्ट
नारनौल । इसे खुशी कहे या गम। खुशी इसी बात की है कि पहले जिले में बीपीएल राशन कार्ड 84 हजार 665 थे। ऑटोमेटिड राशन कार्ड स्कीम के तहत इस जनवरी में यह संख्या बढ़कर एक लाख 23 हजार 665 परिवार हो गई है।
मतलब 28 हजार परिवार का ऑटोमेटिक बीपीएल राशन कार्ड बन गया है। इनमें अब राशन डिपो से कम कीमत में राशन भी मिलेगा और बीपीएल परिवार होने के कारण अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।
गम की बात यह है कि इस ऑटोमेटिड राशन कार्ड स्कीम में यह निकलकर आई है कि 84 हजार 665 में से कितने परिवारों के राशन कार्ड बीपीएल सूची से कटे है, यह आंकड़े छुपाएं जा रहे है। वह बात अलग है कि ऐसे परिवार के मोबाइल पर बीपीएल सूची से नाम कटने का मैसेज आ गया है और अब वह प्रशासन के चक्कर लगाने लगे है। सबसे दिलचस्प बात यह भी है कि पहले के मुकाबले जिला में गरीबी का स्तर कम हुआ है और 28 हजार परिवारों की पहचान इसी का परिणाम है।
सुशासन दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने ऑटोमेटिड राशन कार्ड स्कीम का शुभारंभ किया था। अब भविष्य में सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही राशन कार्ड बनेंगे तथा उनकी श्रेणी भी निर्धारित होगी। कोई भी नागरिक अपना राशन कार्ड सरल हरियाणा पोर्टल से डाउनलोड कर सकता है। जो परिवार जिस भी श्रेणी का पात्र होगा उसी श्रेणी का राशन कार्ड डाउनलोड होगा। इस ऑटोमेटिड राशन कार्ड स्कीम को शुरू करने से पहले राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी परिवारों की वेरिफिकेशन करवाई है। उसी के आधार पर आय का निर्धारण किया गया है। प्रदेश के 1.80 लाख रुपये से नीचे की वार्षिक आय वाले परिवारों को बीपीएल की श्रेणी में रखा गया है। नई स्कीम से जिला महेंद्रगढ़ के कई लाभार्थी बीपीएल श्रेणी में जुड़े हैं तथा कुछ परिवार इस श्रेणी से बाहर भी हुए हैं।
तीन श्रेणियों को किया एक, अब सिर्फ बीपीएल