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भारतीय संविधान देश की आत्मा है संतोष कुमार पाण्डेय

रिपोर्टर बिक्रम यादव पलामू झारखंड

मेदिनीनगर,। भरतीय संविधान देश की आत्मा है।भारतीय संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा धर्मग्रंथ है ।संतोष पांडेय। मेदिनीनगर,भारतीय संविधान देश की आत्मा है। बिश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा धर्मग्रंथ हमारा संविधान है।संविधान सम्मत काम करें तो अलग से कुछ करने की आवश्यकता नहीं है ।उक्त बातेंअधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय ने कही। वे संविधान दिवस के अवसर पर पोलपोल में जागरूकता शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज संविधान बने हुए 73 वर्ष पूरे हो चुके हैं। हमारा संविधान हमारे भारतीय सभ्यता का मूर्त रूप है ।

उन्होंने कहा कि जब लोग कानून को हाथ मे लेते हैं तो वहां संविधान अपना काम करना शुरू कर देता है। संविधान से बाहर जाकर काम करने की आजादी किसी को नहीं दी गई है। इसलिए संविधान को मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत है। हमें संविधान के अनुपालन करने की शपथ लेनी चाहिए । उन्होंने कहा कि देश में कानून का राज कायम करने के लिए संविधान जरूरी है। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित लोंगो को संविधान के प्रस्तावना का शपथ दिलाया।मूल कर्तब्य, मूल अधिकार, मौलिक कर्तब्य व लोकतंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा कि भारतीय संविधान बनाने में दो बर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।संविधान के चलते ही आज हम सुरक्षित है।इस मौके भरदुल सिंह ,महेन्द्र सिंह, धर्मराज सिंह, अखिलेश सिंह, अरविंद गुप्ता, महेश प्रसाद,शम्भू प्रसाद,ध्रुप पाल, हरि सिंह ,अब्दुल अजीज अंसारी,समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

Viyasmani Tripathi

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