LIVE TVदेशधर्मब्रेकिंग न्यूज़राज्यव्यापारशिक्षा

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी ने महेशखूंट पंचायत में अगहनी धान के फसल कटनी प्रयोग का किया निरीक्षण,

रिपोर्टर अंकित तिवारी कानपुर

दिनांक 10.11.22 को जिला सांख्यिकी पदाधिकारी श्री आनंद प्रकाश एवं जिला कृषि पदाधिकारी श्री शैलेश कुमार ने गोगरी प्रखंड के महेशखूंट पंचायत में सपहा गांव, वार्ड नंबर 9 में अगहनी धान के फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय, योजना एवं विकास विभाग, बिहार द्वारा बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत प्रायोजित खरीफ मौसम, कृषि वर्ष 2022-23 के अधिसूचित एवं बीमित फसलों का फसल कटनी प्रयोग संपादित करवाया जाता है। जिला सांख्यिकी कार्यालय द्वारा अगहनी धान के कटनी प्रयोग के तहत प्राथमिक कार्यकर्ता श्री पंकज कुमार दास, किसान सलाहकार को यह प्रयोग आवंटित किया गया था, जिन्होंने इस फसल कटनी प्रयोग का संपादन जिलास्तरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया।

 

विदित हो कि खरीफ फसल भदई मक्का और अगहनी धान के साथ रब्बी फसल गेहूं और मकई का भी पंचायत स्तरीय फसल कटनी आयोजित किया जाता है, जिसके तहत प्रत्येक पंचायत में 5 फसल कटनी प्रयोग संपादित किया जाता है। फसल कटनी प्रयोग से एक ओर जहां फसलों की उत्पादकता ज्ञात होती है, वहीं दूसरी ओर इसके आधार पर अधिसूचित एवं बीमित फसलों हेतु फसल क्षतिपूर्ति का निर्धारण सहकारिता विभाग, बिहार द्वारा किया जाता है। केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा इसके आंकड़ों का प्रयोग कृषि संबंधित नीतियों को तय करने में भी किया जाता है। फसल कटने प्रयोग से प्राप्त उपज दर से राज्य आय में कृषि के हिस्से का भी पता चलता है।

फसल कटनी प्रयोग उपज दर के अनुमान लगाने का एक वैज्ञानिक ढंग है तथा कटनी प्रयोग का विधिवत किया जाना शुद्ध शुद्ध अनुमान लगाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए फसल कटनी प्रयोगों की विभिन्न प्रक्रियाओं का निरीक्षण उच्च स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है। इसी क्रम में आज जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा गोगरी में फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया गया।

 

फसल कटनी प्रयोग के लिए सपहा गांव में खसरा/कीता संख्या 154 पर स्थित श्री अनिल यादव के खेत का चयन किया गया। फसल कटनी प्रयोग के दौरान रैंडम तालिका स्तंभ के आधार पर खेत में 10 मीटर लंबाई एवं 5 मीटर चौड़ाई के आयताकार खंड को चिन्हित कर उक्त खंड की सीमा पर या उसके अंदर पड़ने वाले अगहनी धान की फसल की कटनी कराई गई।

 

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी एवं राजस्व अधिकारी ने स्वयं हाथ में हंसुआ पकड़कर फसल काटना प्रारंभ किया और तत्पश्चात मजदूरों द्वारा चिन्हित क्षेत्र में फसल कटनी की गई। इसका चित्र एवं डाटा सीसीई ऐप पर अपलोड किया गया। विदित हो कि प्रत्येक फसल कटनी प्रयोग का चित्र एवं डाटा क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट ऐप पर अपलोड किया जाना अनिवार्य है, जिसमें खेत का जीपीएस लोकेशन भी दर्ज होता है। इस दौरान फसल कटनी प्रयोग के महत्व एवं इसकी प्रक्रिया की जानकारी उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं किसानों को दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा उचित प्रभेद के बीजों के चयन एवं खाद के प्रयोग के संबंध में भी किसानों को जानकारी दी गई।

फसल कटनी के बाद पिटनी एवं दौनी का कार्य किया गया, जिससे प्राप्त धान के दाने की तौल की गई। 50 वर्ग मीटर क्षेत्र में कटनी किए गए धान के दाने का वजन इलेक्ट्रॉनिक तराजू पर 33.800 किलोग्राम मापा गया। इस आधार पर प्रति हेक्टेयर धान की उत्पादकता 67.6 क्विंटल आंकी गई, जिसे बेहतर उत्पादकता माना गया। कटनी से प्राप्त धान को बोरे में सीलबंद किया गया और 10 दिनों तक इसे धूप में सुखाने के बाद सूखे दाने का वजन ज्ञात किया जाना है।

 

फसल कटनी प्रयोग के निरीक्षण के दौरान राजस्व अधिकारी, गोगरी सुश्री मोना गुप्ता, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी श्री विलास कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी श्री राजेश कुमार, प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी श्री राजेश कुमार, स्थानीय मुखिया श्री मणिलाल सिंह, सरपंच प्रतिनिधि श्री देवेंद्र यादव, वार्ड सदस्य श्री ध्रुव शर्मा एवं सियाराम यादव सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

Viyasmani Tripathi

Cheif editor Mobile no 9795441508/7905219162

Related Articles

Back to top button