शेष साहित्य सदन पपरोला द्वारा वृद्धाश्रम एवं बाल आश्रम सलियाणा ( पंचरुखी) में वृद्धों व बच्चों के मनोरंजन के लिए एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया ।

विजय बैजनाथ
रविवार को शेष साहित्य सदन पपरोला द्वारा वृद्धाश्रम एवं बाल आश्रम सलियाणा ( पंचरुखी) में शेष अवस्थी शेष की मधुर स्मृति में शेष साहित्य सदन पपरोला द्वारा प्रातः 10:30 बजे वृद्धों व बच्चों के मनोरंजन के लिए एक कवि सम्मेलन के रूप में आयोजित किया गया । इस आयोजन के मुख्य अतिथि श्री बिपिन अवस्थी सेवानिवृत्त उपनिदेशक कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश व विशिष्ट अतिथि डा0 धनी राम सांख्यान सेवानिवृत्त ज्योतिषाचार्य रहे।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया गया। शेष साहित्य सदन पपरोला द्वारा मुख्य अतिथि को एक शाल व टोपी पहना कर सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि को टोपी व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
बालाश्रम के बच्चों व वृद्ध आश्रम के बज़ुर्गों को चाकलेट फल इत्यादि भेंट किये गये। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से डा0 सुरेश सुबेहिया द्वारा किया गया। बालाश्रम की बेटियों ने सुंदर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। बेटियों ने इस अवसर पर कविताएं भी बोलीं। इस में जिन कवियों द्वारा भाग लिया उनमें उपरोक्त के अतिरिक्त शक्ति चन्द राणा शक्ति
सुरेश राज शर्मा, हाकम भारद्वाज, प्यार चंद सिप्पी , रमेश कटोच तिलक राज कटोच, शक्ति चन्द राणा शक्ति, सुश्री रविंद्रा,शिवानी, अनीता भारद्वाज, कमलेश सूद, सुरेश लता अवस्थी उषा कालिया , पवना कटोच बालाश्रम से
रीतिका डोगरा, रीतिका राजपूत सोनामती, काजल द्वारा भाग लिया।
बच्चों के मनोरंजन के लिए बच्चों संग नाचने का भी आयोजन किया जिसमें बच्चों ने नाचने का खूब आनंद लिया। मुख्य अतिथि द्वारा ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि समझें तो इस दुनिया में आना ,रहना और जाना भी एक व्यंग्य ही है। हम सब एक किरदार को निभाने आते हैं और अपना अपना रोल निभा कर चल देते हैं। किसी का अभिनय एक हीरो हिरोइन का होता है किसी का खलनायक खलनायिका का।तय हमें करना होता है कि हम किस रोल को करना पसंद करते हैं।