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जसोल में त्रिदिवसीय जीवन विज्ञान दिवस समारोह का शुभारंभ

ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग
जसोल (02 नवम्बर 2025)
जसोल में रविवार को अणुव्रत समिति जसोल एवं अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में “महाप्रज्ञा अलंकरण” के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय जीवन विज्ञान दिवस समारोह 2025 (2, 3 और 4 नवम्बर) का शुभारंभ हुआ। समारोह का प्रारंभ प्रातः 9:30 बजे पुराना ओसवाल भवन में नवकार महामंत्र के उच्चारण के साथ किया गया।
इस अवसर पर साध्वी श्री रति प्रभाजी आदि ठाणा (4) के सान्निध्य में प्रवचन देते हुए कहा कि —
> “जीवन विज्ञान जीवन जीने की कला है, स्वभाव परिवर्तन और आदतों के परिष्कार का माध्यम है। यह योगासन, प्राणायाम, प्रेक्षाध्यान, कायोत्सर्ग और अनुप्रेक्षा जैसी प्रयोग पद्धतियों पर आधारित है।”
उन्होंने बताया कि आचार्य श्री तुलसी ने विक्रम संवत 2035 (12 नवम्बर 1978) को सुजानगढ़ (चुरू) में मुनि नथमल जी की विशेष योग्यता एवं विलक्षण प्रज्ञा को देखते हुए उन्हें “महाप्रज्ञा” की उपाधि से विभूषित किया था।
समारोह में साध्वी श्री पावन यशा जी ने गीतिका के माध्यम से आचार्य श्री महाप्रज्ञा की वंदना प्रस्तुत की।
अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री महावीर चंद सालेचा ने अणुव्रत गीतिका का गायन करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
लाडनूं में आचार्य महाप्रज्ञा जी की सान्निधि में लंबे समय तक रहे श्री मोतीलाल जी जीरावला एवं श्री धनराज जी तातेड ने अपने संस्मरण साझा किए।
तेरापंथ समाज अध्यक्ष श्री भूपतराज जी कोठारी ने वर्ष 2001-02 में आचार्य श्री महाप्रज्ञा जी की अहिंसा यात्रा एवं जसोल में हुए वृहद दीक्षा समारोह की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
कार्यक्रम में अणुव्रत समिति अध्यक्ष श्री सालेचा ने बताया कि 3 नवम्बर को श्री नवकार माध्यमिक विद्यालय जसोल एवं 4 नवम्बर को माजिवाला GSS विद्यालय में जीवन विज्ञान दिवस से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस अवसर पर श्री भंवरजी भंसाली, गौतमचंद जी सालेचा, रमेशकुमार जी वोहरा, डूंगरचंद जी सालेचा, उसबराज जी तातेड, बाबूलाल जी जीरावला, गौतमचंद जी जीरावला, सम्पतराज जी चोपड़ा सहित अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन मंत्री सफरू खान ने किया।

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