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ब्रह्माकुमारीज की स्थानीय शाखा शिव चिंतन भवन में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया

ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग

 

ब्रह्माकुमारीज की स्थानीय शाखा शिव चिंतन भवन में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

ब्रह्माकुमारी उमा दीदी ने कहा प्लास्टिक ना मिट्टी में मिलता है ना पानी में घूमता है और जलाने पर इसका प्रभाव और भी बुरा होता है अकेले भारत ही लगभग डेढ़ करोड़ टन प्रतिवर्ष प्लास्टिक कचरा उत्पन्न कर रहा है जिसमें 10% भी रीसायकल नहीं हो पता है अब समय आ गया है सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को कह दे अलविदा उन्होंने कहा एक व्यापक जन आंदोलन अभियान की शुरुआत कर प्लास्टिक मुक्त भारत की ओर एक कदम बढ़ाने की सभी को साथ देने की आवश्यकता है मां जीवन देती है और पेड़ जीवन को संजोते हैं पर्यावरण अध्यात्म का एक गहरा संबंध है एक आध्यात्मिक व्यक्ति मानसिक प्रदूषण को कम कर प्रकृति का साथ निभा सकता है

पचपदरा सेवा केंद्र प्रभारी बीके अस्मिता दीदी ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वप्रथम हम अपनी आवश्यकताओं को कम करें तथा सादा जीवन जिएं, प्रकृति मां के पास हमारी जरूरी आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए तो पर्याप्त है परंतु बढ़ती हुई इच्छाओं की पूर्ति के लिए नहीं। उन्होंने कहा जिएं और जीने दे की भावना को चरितार्थ करते हुए शाकाहारी बनना भी पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है। साधारण बल्ब के बजाय एलईडी बल्ब का उपयोग, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग भी जरूरी है। बाहर का पर्यावरण हमारे आंतरिक प्रकृति / स्वभाव का ही एक प्रतिबिम्ब है, इसलिए अपने स्वभाव को स्नेह, शांति, संतोष व आनंद से भरे। इसके लिए नित्य मेडिटेशन का अभ्यास जरूरी है।

पेंशनर समाज के संरक्षक पुखराज खारवाल ने कहा कि प्रकृति के आराधना में ही हमारा मंगल है इस वर्ष की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन यह पृथ्वी की उर्वरता को समाप्त कर रहा है। हमारे सभ्यता और संस्कृति सदियों से ही प्रकृति प्रेमी रही है। गांव में आज भी ओरण और गोचर भूमि पर्यावरण संतुलन का उदाहरण है। यहां कोई भी व्यक्ति वृक्ष काट नहीं सकता। खेजड़ी को आज भी तुलसी के समान माना जाता है। आज का प्रदूषण बढ़ती गर्मी का कारण हम ही है। जलवायु प्रदूषण के अलावा नैतिक प्रदूषण भी विकराल रूप ले रहा है। नगर परिषद पूर्व सभापति पारसमल भंडारी ने कहा कि हमें प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए इससे पर्यावरण को बहुत हानि हो पहुंचती है पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जाए और उनका संरक्षण किया जाए पानी का उपयोग आवश्यकता अनुसार किया जाए।

पेंशनर समाज के अध्यक्ष शंकर लाल सलुंदिया ने कहा कि पर्यावरण विश्व व्यापी मुद्दा है। इसमें सरकार भी प्रयास कर रही है और के सामाजिक संस्थाएं भी कार्य कर रहे हैं। प्राचीन समय में पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों ने ऐसी व्यवस्था कर रखी थी कि कोई भी ओरण भूमि से ईंधन के लिए या अन्य उपयोग के लिए लकड़ी नहीं काट सकता था। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खेजडली गांव में बिश्नोई समाज के लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी जान गंवा दी। उन्होंने कहा कि मैं अपने पोता पोती या दोहिता दोहिती के जन्म दिवस पर एक-एक पौधा लगता हूं। आपको भी इस प्रकार की पहल करके पर्यावरण को सुरक्षित करने में अपनी भूमिका निभाई है। महिलाएं पीपल और बड़ की पूजा इसलिए करती है क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में ऑक्सीजन होती है। यह इसका एक वैज्ञानिक कारण है । महावीर इंटरनेशनल अपेक्स अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीर सीए

ओम बांठिया ने कहा कि हम अपने घरों में तुलसी के पौधे लगा सकते हैं। अपने ऑफिस में फैक्ट्री में भी हम पौधे लगा करके और उनके स्वयं देखभाल करके उनका संरक्षण करें । मानसिक प्रदूषण को कम कर एक मानसिक स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए ब्रह्मा कुमारीज सदा प्रयासरत है।

जिला परिवहन अधिकारी भगवान राम ने कहा कि खुद को पर्यावरण को कैसे बचाएं इसकी आवश्यकता है। प्राचीन समय में पर्यावरण और संस्कृति का गहरा संबंध है। बढ़ते हुए विकास के साथ पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली चीज भी बदी है। आज पर्यावरण प्रदूषण अंतरिक्ष, ऊंचे ऊंचे पहाड़, समुद्र की गहराई तक फैल गया है। और इस प्रदूषण के कारण ग्लेशियर पिघलने लगे हैं। इनके कारण बड़े-बड़े शहरों के डूबने का खतरा पैदा हो गया है । उन्होंने कहा ब्रह्माकुमारी हर मौके हर प्रकार के कार्यक्रम करके जनता को जागृत करने का विशेष प्रयास करती रहती हैं और सभी को एक मंच प्रदान करती है जिससे वह अपने विचार साझा कर सके।

उपखंड अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि अगर हमने पर्यावरण की रक्षा नहीं की तो हमारा जीवन खतरे में पड़ जाएगा। प्रकृति और मानव दोनों का आपस में गहरा संबंध है। मानव प्रकृति की गोद में रहकर विकास करता रहा। लेकिन आज इस मानव ने रासायनिक खाद का उपयोग करके जमीन को जहरीला बना दिया है। जहरीले जमीन से उत्पादन भी जहरीला हो गया है। इसके कारण आज पंजाब की जमीन बंजर हो गई है और वहां से एक कैंसर पैसेंजर ट्रेन बीकानेर आती है। प्रकृति अपने आप में बहुत सुंदर है। हमें उसकी सुंदरता को बढ़ाना है। इसलिए हम सभी बाजार में सामान खरीदने जाएं कपड़े की थैली काम में लाएं। उन्होंने बताया कि बालोतरा जिले को 8 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य मिला है। तो उसे लक्ष्य को पूरा करने के लिए जहां भी स्थान मिले हमें वहां पौधा लगाकर और उनकी देखभाल करके उसका संरक्षण करना है ।

कृष्ण सेवा संस्थान के अध्यक्ष धर्मेंद्र दवे ने कहा कि आज पर्यावरण प्रदूषण के कारण तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा है। और अगर यह 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया तो हमारा जीवन जीना दुभर हो जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने यह संकल्प लिया कि जो भी पेड़ लगाने चाहे उनको निशुल्क पौधे और निशुल्क टी गार्ड उपलब्ध करवाएंगे ।

इस अवसर पर कृष्ण सेवा संस्थान की तरफ से 20 पौधे वितरित किए गए और प्रदीप पवार की तरफ से भी 20 पौधे निशुल्क उपलब्ध करवाए गए ।

कार्यक्रम की शुरुआत कुमारी पूजा के स्वागत नृत्य से हुई। बालोतरा सेवा केंद्र प्रभारी बीके उमा दीदी ने सभी मेहमानों का तिलक, माला, गुलदस्ता भेंट करके स्वागत किया। पर्यावरण संरक्षण से संबंधित बच्चों ने एक प्रेरक नाटक भी प्रस्तुत किया गया।

Santosh Kumar Garg

Beauro Chief Balotra Rajasthan

Santosh Kumar Garg

Beauro Chief Balotra Rajasthan

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