बस्ती। देश में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच आम नागरिकों की पहचान और बैंकिंग सूचनाओं की सुरक्षा गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। ऐसे में होटल, लॉज, ट्रैवल एजेंसी, साइबर कैफे या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सामान्य आधार कार्ड देना खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि साइबर अपराधी आधार नंबर और उसमें छपी जानकारी का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे लोगों के बैंक खातों से पैसे तक निकाले जा रहे हैं। कई मामलों में देखा गया है कि होटल में चेक-इन या साइबर कैफे में पहचान सत्यापन के लिए दी गई आधार की फोटोकॉपी अपराधियों के हाथ लग जाती है और उसी का उपयोग धोखाधड़ी के लिए किया जाता है। AEPS (आधार सक्षम भुगतान प्रणाली) के माध्यम से केवल आधार नंबर और फिंगरप्रिंट से ही बैंक खातों से धन निकाला जा सकता है, जिसे साइबर अपराधी क्लोन किए गए अंगूठे के निशानों के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं। यह धोखाधड़ी विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों के सीएसपी या बैंकिंग प्रतिनिधियों के माध्यम से की जा रही है, जहां तकनीकी निगरानी बहुत कम होती है। अनुभव बताता है कि अनजान या असुरक्षित स्थानों पर अपना सामान्य आधार कार्ड न दें। यदि आधार देना जरूरी हो तो UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप से “मास्क्ड आधार” डाउनलोड कर उसका उपयोग करें, जिसमें केवल अंतिम चार अंक ही दिखाई देते हैं, जिससे पहचान भी साबित होती है और गोपनीयता भी बनी रहती है। आजकल साइबर अपराधी होटल या लॉज से मिली आधार फोटोकॉपी को स्कैन करके डेटा निकालते हैं और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से फर्जी पहचान बनाकर खाते से पैसे निकाल लेते हैं। पीड़ित को इसकी जानकारी तब मिलती है जब खाते में राशि नहीं बचती। आम लोगों में अब भी जागरूकता की कमी है और वे आधार को केवल पहचान पत्र मानते हैं, जबकि यह बैंकिंग, बीमा, मोबाइल और सरकारी लाभों से जुड़ा संवेदनशील दस्तावेज बन चुका है। यदि यह गलत हाथों में चला गया तो आर्थिक नुकसान और पहचान की चोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस विषय में मीडिया से बातचीत करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि मास्कड आधार कार्ड भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा सुरक्षा व गोपनीयता बढ़ाने के लिए जारी किया जाता है. तथा यह आधार नंबर को किसी भी संभावित दुरुपयोग से सुरक्षित करने में मदद करता है डिजिटल लेन-देन और पहचान आधारित सेवाओं के बढ़ते उपयोग के साथ नागरिकों को अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। आधार की सुरक्षा नागरिकों की जागरूकता और सतर्कता पर निर्भर करती है, और मास्क्ड आधार का उपयोग इस दिशा में एक प्रभावी कदम है।