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गंदे नालों व कचरे के ढेर में भोजन तलाशने को मजबूर है कान्हा की गाए

एक गाय व नंदी चढ़े भेट 

ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार शर्मा अलवर राजस्थान 

 

भिवाड़ी कस्बे में कान्हा की गाय सड़कों व गलियों में पड़े कूड़े में भोजन तलाशने को मजबूर है। आस-पास के सेक्टर 6 के आसपास आए दिन गौवंश के नाले में गिरने की घटनाएं हो रही है। गौवंश अपना पेट भरने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते फिरते दिखाई देते हैं, लेकिन ना तो प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान है और न ही किसी कार्यदायी संस्था का । कान्हा की परम प्रिय गायों का कार्यदायी संस्था और प्रशासन की बेरुखी के कारण दिन रोज बदहाल स्थित होती जा रही है। जहां गौवंशों को अब चारे के लिए कूड़ेदानों का सहारा लेना पड़ रहा है तो वही गायों के हक में लड़ाई लड़ने वाले कामधेनु सेना के जिला प्रभारी संदीप तंवर सूचना मिलते ही अपने साथियों के साथ उस स्थान पर पहुंचते है जहा से उनको कॉल किया जाता है व अपनी पूरी टीम के साथ गौवंश की सहायता करते हैं साथ ही लोगो से अपील भी करते है की आप नालों में व कचरा पत्रों में खाने का सामान नही फेंके । संदीप तंवर ने बताया कि कल रात शंकर चौक पर एक नंदी की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई जिसकी सूचना हमने तुरंत नगर परिषद को दी । एवं नंदी को उस स्थान से हटवाने की बात कही लेकिन सूचना के तीन घंटे बाद लोडर पहुचा वही नगरपरिषद के कर्मचारियों ने कहा कि ये हमारा काम नही है ये गौरक्षा दल व गौरक्षको का काम है । रिलेक्सो चौक के पास भी आज एक गाय की करंट लगने से मौत हो गई । वही तंवर ने बताया कि जो गौवंश मर जाता है उसको मिट्टी भी नही दी जाती व आवारा कुत्तों द्वारा उन्हें खाया जाता है ।

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि कस्बे में गायों के लिए गौचारण की कई एकड़ जमीन है, लेकिन उसके बावजूद भी गाय बेसहारा हो चुकी है ना तो उनके रहने की व्यवस्था है और ना ही खाने की, जिसके कारण गाय अपनी भूख मिटाने के लिए कभी किसी के दरवाजे पर तो कभी कूड़े के ढेर में भोजन की तलाश में लगी रहती है, लेकिन कार्यदायी संस्था और प्रशासन का इस ओर भी कोई ध्यान नहीं है। लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि इन बेसहारा पशुओं के लिए सरकार ने कोई मुहिम न बनाई हो, लेकिन ये मुहिम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है।

Viyasmani Tripathi

Cheif editor

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