आचार्य आशीष बाजपेई ने सुनाई परीक्षित श्राप की कथा

हरदोई से अजय कुमार की रिपोर्ट
हरदोई टोडरपुर ब्लॉक अंतर्गत करावा में
श्रीशिव भोलेनाथ छोटा मंदिर, में चल रही भव्य श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य श्री देवाशीष जी महाराज, आचार्य आशीष बाजपेई जी ने दूसरे दिन परीक्षित श्राप की कथा सुनाई, जिसको सुनकर सभी श्रद्धालु भक्त मंत्र मुग्ध होते नजर आए, व्यास जी ने बताया कि जब भगवान कृष्ण ने अपनी समस्त लीलाओं को करने के बाद जैसे ही अपने धाम को प्रस्थान किया वस उसी क्षण कलयुग ने आकर अपना पैर जमा दिया, इस कलयुग की वजह से ही श्री परिक्षित जी से महर्षि शमीक के गले में मरा हुआ तक्षक सर्प डाल दिया, तब उनके पुत्र श्रृंगी ऋषि ने अपने तपोबल के प्रभाव से जानकर परीक्षित को कठोर श्राप दे दिया कि जाओ मैं श्राप देता हूं कि जिसने भी मेरे पिता के गले में मरा हुआ सर्प डाला है यही मरा हुआ सर्प आज के सातवें दिन उसे डस कर समाप्त कर देगा, तब श्री परिक्षित ने अपने बेटा जनमेजय को राज तिलक किया और स्वयं श्री गंगा के पावन तट पर श्री शुकदेव जी महाराज के श्रीमुख से कथामृत पान करके श्री परमात्मा के धाम को प्राप्त किया,थोड़ी देर में पहुचे मनोज तिवारी ने भी श्रीमत भागबत कथा की कुछ भरिभाषाये बताई इसी बीच कथा के मुख्य यजमान श्री रामू शर्मा धर्मपत्नी समेत , व्यस्थापक श्री नरेश शर्मा, सुनील शर्मा, शिवम शर्मा, श्यामू शर्मा, आशीष शर्मा, रिंकू शर्मा, पिंकू शर्मा एवं समस्त शर्मा व परिवार व अन्य भक्त जन मौजूद रहे,