करप्ट अफसरों के खिलाफ एक्शन को लेकर चीफ सेक्रेटरी कौशल और चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल में मतभेद
-मामला एच सी एस अफसर अमरिंदर के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन की अनुमति देने का

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार की रिपोर्ट
पवन कुमार बंसल।
चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने ₹स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के अमरिंदर के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन की अनुमति देने से इंकार किया लेकिन चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल ने चीफ सेक्रेट्री के फैसले को ओवररूल करते हुए प्रॉसिक्यूशन की अनुमति दे दी। चीफ सेक्रेटरी ने न केवल अनुमति देने से इंकार किया बल्कि ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल शत्रुजीत कपूर को लिखा की जिस अफसर ने बिना अनुमति के अमरिंदर को ग्रिफ्तार किया है उनकी जिमेवारी तय की जाये क्योंकि ऐसा करके प्रिवेंशन ऑफ़ ऑफ़ करप्शन एक्ट के नियमो की उलंघना की गयी है।
चीफ सेक्रेटरी के फैसले से ब्यूरो में हड़कंप मच गया था। इससे चीफ मिनिस्टर मनोहर लाल के करप्शन पर जीरो टॉलरेंस के नारे की भी हवा निकल गयी थी।
चीफ मिनिस्टर ने राज्य के अधिवक्ता जनरल बलदेव महाजन से सलाह ली और महाजन ने कहा की किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।
फिर चीफ मिनसिटर ने प्रॉसिक्यूशन की अनुमति दे दी। अब उम्मीद की जा रही है की प्रॉसिक्यूशन की अनुमति के लिए लंबित पड़े और मामलो में भी चीफ मिनिस्टर प्रॉसिक्यूशन की अनुमति दे देंगे। इस मामले को लेकर मनोहर लाल बधाई के पात्र है की उन्होंने चीफ सेक्रेटरी की शिफारिश और तमाम दवाबो को दरकिनार करके प्रॉसिक्यूशन की अनुमति दे दी। सूत्रों के अनुसार चीफ मिनिस्टर पर उनके एक ताकतवर मंत्री का भी काफी दबाव था की प्रॉसिक्यूशन की अनुमति नहीं दी जाये।