वार्डों में सड़क और नाली निर्माण अधूरा, सफाई व्यवस्था भी चरमराई, अतिक्रमण भी बड़ी परेशानी
गुना में राजनीतिक उठापटक: अध्यक्ष से लेकर पार्षदों को निष्कासित होने के बाद थमा विकास

जिला ब्यूरो चीफ :- विकास अन्नोटिया
गुना । भाजपा आलाकमान ने गुना नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित चार पार्षदों को अनुशासनहीनता के आरोप में 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर से नगर पालिका सुर्खियों में आ गई है। सबसे ज्यादा चिंता उन शहरवासियों को है जिन्होंने लंबे समय बाद नपा चुनाव में वोट देकर अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में पार्षदों को चुना। इसके बाद जनता को नई परिषद् के गठन के लिए ही काफी इंतजार करना पड़ा। जैसे-तैसे परिषद गठित भी हो गई तो भाजपा ने नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित चार पार्षदों को नपाध्यक्ष चुनाव में पार्टी के विरुद्ध कार्य करने की शिकायत पर नोटिस जारी कर दिया। इसी बीच सीएमओ विवाद सामने आ गया। यह विवाद अभी थमा भी नहीं था कि प्रदेश भाजपा ने नपाध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनी, पार्षद दिनेश शर्मा, सुमन लालाराम लोधा, वविता राजेश साहू, कैलाश धाकड़ पर 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित करने की कार्रवाई कर दी। इसे आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। ताकि उस चुनाव में कोई भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी पार्टी लाइन के विपरीत काम करने के बारे में न सोचे।
जिन पार्षदों पर यह कार्रवाई हुई है, वे भले ही अधिकृत रूप से पार्टी के लिए समर्पित भाव व जनता के हित में काम करने की बात कह रहे हैं। लेकिन व्यवहारिक रूप से वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह कितना संभव है, इसे अब तक जनता भलीभांति देख चुकी है। चुनाव हुए 6 माह से अधिक का समय गुजर चुका है। लेकिन शहर में अब तक कोई नया काम शुरू नहीं हो सका है। चिंता की बात यह है कि स्थायी सीएमओ न होने से नगर पालिका कार्यालय की स्थिति पहले से ही बेहद खराब चल रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना में सामने आई गड़बड़ी के मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है, वहीं कुछ के ऊपर तलवार लटकी हुई है। मौजूदा स्थिति में एक कर्मचारी को मूल काम के अलावा दो से तीन काम साैंपे गए हैं। क्योंकि कई विभाग के अधिकारी व तकनीकी कर्मचारी लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं। कुल मिलाकर आगामी समय शहर विकास कैसे होगा इसे लेकर संशय बना हुआ है।शुरुआत से ही विवादों में रहा था यह चुनाव
*नगर पालिका चुनाव शुरूआत से ही विवादों में रहा।*
भाजपा ने वार्ड 2 से सविता अरविंद गुप्ता को टिकट दिया था। भाजपा के बैनर पर चुनाव जीतने के बाद ब्यावरा में पार्षदों की रायशुमारी की गई थी। इस दौरान भाजपा प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल, प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिसोदिया के सामने अध्यक्ष का मैनेट तय किया गया। इस दौरान भाजपा के ही कुछ पार्षदों ने बगावत कर सविता अरविंद गुप्ता को अध्यक्ष बनाने को लेकर बगावत कर दी थी। इस घटनाक्रम के बाद ब्यावरा से गुना भाजपा पार्षदों को लाया जा रहा था, तभी रास्ते में सविता अरविंद गुप्ता की बस चांचौड़ा की पूर्वं विधायक ममता मीणा के गांव अजगरी पहुंच गई। बगावत करने वाले पार्षदों ने प्रभारी मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर को काफी बुरा भला कहकर सविता अरविंद गुप्ता को समर्थन देने की बात कही थी। यही नहीं भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने की धमकी भी दी। इस मामले के बाद भाजपा ने पार्षदों के साथ एक बैठक की। जहां सुनीता रविंद्र रघुवंशी को मेंडेड जारी करने को लेकर जिला संगठन से कहा गया। पार्षदों को लेकर कलेक्ट्रेट बस पहुंची थी। जहां सविता अरविंद गुप्ता, सुनीता रविंद्र रघुवंशी, चुनाव प्रक्रिया में शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन यहां भी भाजपा के एक धड़े ने बगावत कर अरविंद गुप्ता को वोट दिया। भाजपा के मेंडेड से चुनाव लड़ रहीं सुनीता रविंद्र रघुवंशी को 9 वोट ही मिले थे।जबकि सविता अरविंद अरविंद गुप्ता और कांग्रेस उम्मीदवार को 13-13 वोट मिले थे। ऐसे में लॉटरी सिस्टम से चुनाव कराना पड़ा था। इसमें सविता अरविंद गुप्ता अध्यक्ष बनीं थीं।
हमने कहीं भी पार्टी के विपरीत काम नहीं किया है। आगे भी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे । जिस जनता ने हमें चुना है उसके लिए हम पूरी ताकत से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगे। उम्मीद है दूसरे पार्षद जो भले ही किसी भी दल से हैं, वे जनता के लिए पूरा सहयोग करेंगे।
*सविता अरविंद गुप्ता, नपाध्यक्ष*