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भारत का योग अब वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है- डॉ.विनोद कश्यप

वेदान्त सिंह की रिपोर्ट
योग के माध्यम से विश्व को स्वास्थ्य में स्वाबलंबी बनाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हॉलिस्टिक हेल्थ(NIH) एवं जीएलजी योग स्कूल – वियतनाम के बीच एम.ओ. यू. साइन किया गया!
वियतनाम में दो दिवसीय ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन ग्लोबल पीस थ्रू हॉलिस्टिक लेंस ‘ विषय पर जीएलजी योग स्कूल – वियतनाम द्वारा एफ टी पी यूनिवर्सिटी – दानांग एवं हुए यूनिवर्सिटी में आयोजन किया गया!
कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात योग बोर्ड के अध्यक्ष योगसेवक शीशपाल राजपूत जी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हॉलिस्टिक हेल्थ(NIH) के चेयरमैन डॉ विनोद कश्यप एवं एस के एम योग व जी एल जी योग स्कूल के उपाध्यक्ष डॉ.शिवम मिश्रा के साथ अन्य वरिष्ठजन उपस्थित रहे!
इस अवसर पर मुंबई के कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के वरिष्ठ प्रोफेसर तथा विदेश के अन्य एक्सपर्ट्स ने अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए!
कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य योग के साथ फिजिकल एजुकेशन एवं परंपरागत खेलों के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना था!
वर्तमान परिस्थिति में वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे विभिन्न प्रकार के रोगों में योग एक सफल चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है!
कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ वियतनाम की प्रसिद्ध एफटीपी यूनिवर्सिटी मे किया गया ! इस अवसर एन आई एच चेयरमैन डॉ विनोद कश्यप ने ‘रोल ऑफ योगा इन हॉलिस्टिक हेल्थ’ इस विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया ! दूसरे दिन हुए यूनिवर्सिटी में ‘युवाओं के लिए योग में रोजगार के अवसर’, इस विषय को लेकर अपने विचार रखें!
इस अवसर पर जी एल जी योग स्कूल द्वारा डॉ.विनोद कश्यप को ‘इंटरनेशनल योग अवॉर्ड’ से सम्मानित भी किया गया!
गुजरात योग बोर्ड के अध्यक्ष योगसेवक शीशपाल जी ने भारतीय योग की महत्वता के विषय में बताया! उन्होंने कहा कि प्रतिदिन योग का अभ्यास हमें शारीरिक व मानसिक रूप से भी स्वस्थ बनाता है!
उन्होंने डॉ. शिवम मिश्रा के प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस इंटरनेशनल कांफ्रेंस के माध्यम से जीएलजी योग स्कूल की पहचान वैश्विक स्तर पर पहुंच जाएगी जिससे विश्व को योग की महत्वता एवं सकारात्मक के लाभ मिलने आरंभ हो जाएंगे!
डॉ. विनोद कश्यप ने बताया कि इस कांफ्रेंस को आयोजित करने में जी एल जी योग स्कूल के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. शिवम मिश्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिन्होंने वियतनाम में इसकी शुरुआत की जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के योग एवं हेल्थ एक्सपर्ट्स को आमंत्रित किया है!
जी एल जी योग स्कूल की संस्थापक सुश्री हो थी थान मिन्ह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया !
उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि वियतनाम में भारत के सहयोग से आयोजित योग शिक्षा द्वारा सभी लोग शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे!
उन्होंने बताया कि वियतनाम और भारत का यह संबंध सदियों पुराना है जिसमें भगवान बुद्ध के विचार और प्रेरणा वियतनाम एवं भारत की आध्यात्मिक विचारधारा को एक बनाती है!
डॉ.शिवम मिश्रा द्वारा सभी अतिथियों के लिए वियतनाम के दर्शनीय स्थलों की यात्रा की व्यवस्था की गई, जिनमें भगवान बुद्ध के सुंदर मंदिरों तथा पैगोडा के माध्यम से बौद्ध धर्म एवं भगवान बुद्ध के विचार वहां देखने को मिलते हैं!
इस अवसर पर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हॉलिस्टिक हेल्थ(NIH) एवं जीएलजी योग स्कूल – वियतनाम के बीच एक एमओयू साइन किया गया! जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर NIH एवं जीएलजी योग स्कूल द्वारा योग एवं स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च, एजुकेशन एवं ट्रेनिंग के माध्यम से वियतनाम तथा भारत के छात्रों को स्वास्थ्य संबंधित विषय सीखने का बड़ा अवसर प्रदान करना है!
NIH चेयरमैन डॉ. विनोद कश्यप ने जीएलजी योग स्कूल की संस्थापक श्रीमती मिन्ह एवं उपाध्यक्ष डॉ. शिवम मिश्रा का आभार व्यक्त करते हुए कहा ‘कि यह प्रयास विश्व में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा, क्योंकि जिस प्रकार से जीएलजी योग स्कूल की ब्रांचेस वियतनाम के अलावा न्यूजीलैंड, फ्रांस, कनाडा, अमेरिका आदि देशों में है! इस एम ओ यू के माध्यम से विदेशों में भी योग एवं हॉलिस्टिक हेल्थ का प्रचार बढ़ेगा! क्योंकि दोनों संस्थाओं का उद्देश्य स्वास्थ्य के साथ – साथ शिक्षा, रिसर्च एवं ट्रेनिंग के माध्यम से विश्व को स्वास्थ्य में स्वाबलंबी बनाना है!