
ब्यूरो चीफ सतीश कुमार महेंद्रगढ़ हरियाणा
*सीहमा*
प्राकृतिक खेती पर जिला स्तरीय जागरूकता शिविर बुधवार को बालाजी मैरिज प्लेस सीहमा में
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के विस्तार विभाग कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ प्राकृतिक खेती विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला प्रमुख डॉ राकेश कुमार ने किसानों को उन्नत खेती की तकनीक अपनाने के लिए आग्रह किया। डॉ अजय यादव ने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की विभिन्न सरकारी योजनाओ के बारे में बताया जब कि डॉ मनमीत ने उद्यान विभाग की विभिन्न सरकारी योजनाओ के बारे में बताया । किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ रमेश कुमार यादव ने बताया की प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है। उन्होंने बताया की देश की आजादी के बाद हमारा मुख्य प्रयास लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाने पर केन्द्रित रहा और देश ने 1960-70 के दशक में हरित क्रान्ति लाकर इसे प्राप्त करने में भी सफलता हासिल की। लेकिन इसके परिणामस्वरूप खेती में रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों आदि रसायनों का प्रयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया। आज स्थिति ऐसी बन गई है कि इन जहरीले रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से यह भूमि, जल व पर्यावरण में घुलने के साथ खाद्य श्रृंखला फूड चेन में प्रवेश कर गए हैं जो मानव जाति में गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। उन्होंने बताया की किसान प्राकृतिक खेती के माध्यम से इन सब समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। इस अवसर पर केन्द्र के सस्य वैज्ञानिक डॉ आशीष शिवरान ने प्राकृतिक खेती में विभिन्न घटक जैसे बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, दसपर्णी अर्क आदि के बनाने की विधि एवं उपयोग करने के तरीके के बारे में विस्तारपूर्वक बताया साथ ही खरपतवार नियंत्रण, पानी की बचत आदि के लिए मल्चिंग का उपयोग व महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। वैज्ञानिक डॉ अशोक ढिल्लों ने बताया की कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के आधार पर किसान अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन्हे बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर सकते हैं। गृह वैज्ञानिक डॉ पूनम यादव ने बताया की किसान कृषि में कैमिकल का अधिक इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे उगाई गयी फल-सब्जी में भी कैमिकल का असर सेहत खराब करता है। ऐसे में प्राकृतिक खेती एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने बताया की जिले में ऐसे बहुत से किसान हैं, जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाकर अपनी जमीन की सेहत के साथ-साथ लोगों की सेहत सुधारने का काम किया है। मृदा वैज्ञानिक डॉ राजपाल यादव ने मिट्टी में जरुरी पोषक तत्वों का उपयोग एवं मिट्टी के नमूने लेने के तरीके के बारे में बताया जीवामृत में करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं जो मिट्टी में अनुकूल परिस्थिति तंत्र का निर्माण कर पौधों को सभी पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं। जीवामृत के रूप में इसका प्रयोग करने से ये सूक्ष्म जीवाणु सैकड़ों गुना बढ़ जाते हैं। इस अवसर पर सरपंच सुमन देवी, किसान राजकुमार व सतबीर को सम्मानित किया गया। इस जागरूकता शिविर में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ स्नेह यादव व डॉ अजीव सांगवान सहित लगभग 6 सौ किसानों ने भाग लिया ।
फोटो कैप्शन- डा मनमीत उद्यान विभाग की विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में ग्रामीणों को बताते हुए।