
पत्रकार जयबीर सिंह कोटकासिम
गांव मे जब भी पुलिस आती है लोग डर जाते हैं उनके अंदर डर की भावना आने लगती है इस तरिके से वो छुपने लगते हैं जैसे उन्होने कोई बहुत बड़ा अपराध किया हो कोई बात करने के लिए तैयार नही होता है ना ही कुछ बताने के लिए तैयार रहते है अगर कोई भी घटना घट जाती है तो उसे थाने में सूचना देने के लिए भी कोई तैयार नही होता है यही बोलते हैं हमसे कोई मतलब नही है जायें परधान सूचना दे हमे इन सारे मामले मे नही फसना है जब की ये गलत बात है यही सोच अपराध को बढ़ावा दे रही है इसी सोच की वजह से आज समाज में अपराध और ही जादा बढ़ रहा है हमे समाज मे रह कर एक दूसरे की मदद करनी चाहिए एक दूसरे के सुख दुःख मे साथ देना चाहिए
जब भी गांव मे पुलिस आये तो उनसे डरे नही, ना ही उनसे भागे बल्कि उनसे आदर और पूरे सम्मान के साथ बात करें उनसे पूछे की क्या बात है और किस मामले में वो यहां आये हैं अगर आप का खुद का मामला है तो उस समस्या के समाधान करने के बारे में सोचे ,सोचे की इस मामले से हम बाहर कैसे निकल सकते हैं डर के नही डट कर सामना करें और अगर दूसरे का मामला है तो जो भी हो जैसा भी हो आप पुलिस को सारी बाते सच बता दे जिससे उनको कार्यवाही करने मे आसानी हो और गलत करने वाले को सजा मिले और सच बोलने वाले को न्याय मिल सके
पुलिस से डरने की जरुरत नहीं है क्योंकि प्रशासन कानून व्यवस्था के लिए ही बनाया गया है हमारे सुरक्षा के लिए ही तो बने है सोचो अगर प्रशासन ना होती तो क्या हम सही ढंग से रह पाते हम सारे नियम को फाँलो कर पाते नही हम भी जानते हैं और आप भी जानते है इसलिए हमे कानून व्यवस्था को बनाये रखना चाहिए और अपने कर्त्तव्यो का निर्वाहन पूरे सच्चे मन से और पूरी इमानदारी के साथ करना चाहिए
समाज में परिवर्तन लाने के लिए सबसे पहले हमे इस सोच को बदलना होगा की हमसे क्या मतलब चाहे वो जो करे उनकी जिन्दगी है ऐसा नही है ये गलत सोच है हम भारत के नागरिक है और हमारा कर्तव्य और अधिकार है कि हम गलत के प्रति आवाज उठायें भारत स्वतन्त्र है और लोग भी स्वतन्त्र है लेकिन इसका ये मतलब नही कि वो अपनी स्वतन्त्रा का गलत मतलब निकाले गे और हमेशा अपराध करते रहेगे हमे गलत के प्रति आवाज उठाना चाहिए और जो गलत है उसे जरुर सजा दिलाना चाहिए।