उत्तर प्रदेशदेशब्रेकिंग न्यूज़

तीन बार युद्ध करने वाले 87 वर्षीय सैनिक योद्धा श्री मोहनलाल तिवारी का सम्मान

 

डॉक्टर संजय कुमार पांडेय स्टेट हेड उत्तर प्रदेश बस्ती टाइम्स 24 न्यूज़ चैनल जनता की आवाज से मोबाइल नंबर 7376 3261 75

  नौगांव छतरपुर

    भारत चीन और भारत-पाकिस्तान से तीन बार युद्ध करने वाले 87 वर्षीय सैनिक योद्धा श्री मोहनलाल तिवारी जी वर्तमान में छतरपुर में देरी रोड पर रहते हैं वह नौगांव के मुख्य निवासी रहे और उन्होंने 1960 में ₹40 मासिक वेतन पर देश सेवा करने का लिया और सेवा में पहुंचते ही 1962 में भारत चीन का युद्ध छिड़ गया जिसमें वह बॉर्डर पर पहुंचे और दुश्मन से आर पार की लड़ाई भी लड़ी । लेकिन विदेश नीति के तहत भारत चीन का युद्ध समाप्त हो गया लेकिन पुनः 1965 में भारत चीन और भारत-पाकिस्तान की युद्ध हुआ जिसमें भारत के सैनिकों ने मुंह तोड़ जवाब दिया उसे युद्ध में भी नौगांव नगर का सैनिक श्री मोहनलाल तिवारी दुश्मनों से सामना करता रहा इसी बीच उसकी उम्र शादी की युवावस्था पांच कर चुकी थी , उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया ।

  श्री मोहनलाल तिवारी के परम मित्र बड़े भाई की तरह पंडित श्री प्यारेलाल गंगेले जो ग्राम वीरपुरा के रहने वाले थे उन्होंने मोहनलाल तिवारी को देश सेवा के साथ सामाजिक को प्रभारी जिम्मेदारियां निभाने के लिए प्रयास किया और उनका विवाह 40 वर्ष की आयु में संपन्न कराया ।

       इसी बीच उनके पारिवारिक जीवन चल ही रहा था की अवकाश के दिनों में 1971 देश पर संकट के बादल छा गए ,भारत-पाकिस्तान युद्ध शुरू हो गया और वह एक साल तक घर नहीं आए । उनकी धर्मपत्नी और विधवा मां ने देश के लिए अपने सपूत को साहस और शक्ति पत्र लिखकर देश की रक्षा करने का संदेश दिया । उसे समय रेडियो आकाशवाणी के माध्यम से सारी खबरें मिलती थी लेकिन पत्नी और मां को भरोसा था कि ईश्वर की कृपा से मोहनलाल तिवारी को कुछ होने वाला नहीं है तीन युद्ध लड़ने के बाद श्री मोहनलाल तिवारी जी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद नौगांव आए और उनकी पत्र की भूमि नन्ही मऊ नौगांव में थी उसको बेचकर के उन्होंने अपनी धर्मपत्नी और मां के साथ छतरपुर में मकान बनाया मां के निधन के बाद उनकी धर्मपत्नी अपने बेटों के साथ भोपाल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए रह रही है और श्री मोहनलाल जी तिवारी 87 वर्ष की आयु होने के बाद भी वह अभी भी पूर्ण रूप से स्वस्थ निरोगी रहकर कहीं ना कहीं समाज देश सेवा के लिए काम करते हैं

  पंडित श्री मोहनलाल तिवारी ने बताया कि पहले वेतन उनको ₹40 मिलती थी आज नौगांव भारतीय स्टेट बैंक से उनको भारत सरकार की ओर से ₹40000 मासिक पेंशन मिल रही है और उसमें पूरा परिवार सुख शांति खुशी है बच्चे शिक्षित पढ़े-लिखे आगे बढ़ रहे हैं उन्होंने अपने जीवन की कहानी और घटनाओं को रखते हुए कहा है कि जीवन में भारत के सैनिक को पुलिस कर्मचारी आर्मी कोई भी सैनिक हो उसका सम्मान हर भारतवासियों करना चाहिए क्योंकि भारत का प्रत्येक सैनिक राष्ट्रभक्ति देशभक्ति के लिए किसी भी समय प्राण की इच्छा और कर सकता है और अभी यह भारत गुलामी से आजाद हुआ है लेकिन दुश्मनों से आज भी गिरा हुआ है भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है उन्होंने अपने साक्षात्कार देते हुए कहा कि यह भारत का सौभाग्य की हजारों वर्ष बाद कोई श्री हनुमान जी की तरह एक शक्ति के रूप में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उनके मंत्रिमंडल भारत की संपूर्ण व्यवस्थाओं को देखकर के सुरक्षा को देखकर के सैनिकों की रक्षा उनके परिवारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं और विश्व में भारत का अपना एक स्थान है उन्होंने 87 वर्ष की आयु में पहली बार अपना सम्मान स्वीकार करते हुए कहा कि आज सम्मान हमें पुष्प वाला पहला करके समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी ने दिया है वह हमारे लिए भारत रत्न की तरह है क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद और वृद्ध अवस्था होने के बाद लोग बुजुर्गों को एक भर समझते हैं और उनका अपमान करते हैं लेकिन ईश्वर कृपा से हम भारत सरकार की पेंशनर्स योजना के तहत और ईश्वर की शक्ति के माध्यम से 87 वर्ष की आयु में भी हम पूर्व से स्वस्थ हैं प्रतिदिन 50 से 100 किलोमीटर साइकिल से यात्रा कर सकते हैं प्रातः काल 4:00 बजे उठकर के नित्य क्रिया करना शुरू कर देते हैं दिनचर्या माध्यम में हम प्रकृति के साथ चलने का प्रयास करते हैं इसलिए स्वस्थ निरोगी है उन्होंने भारत के युवाओं को एक संदेश दिया है कि वह नियम से रहे संयम से रहें और खान-पान रहन-सहन वातावरण पर ध्यान दें भारत में आत्मघाती हमले आस्तीन के सांपों से बचने की आवश्यकता है उन्होंने कहा है कि सनातन संस्कृति धर्म की रक्षा करने के लिए प्रत्येक भारतवासी को भारत माता के चरणों में समर्पित होकर काम करने की आवश्यकता है ।

    भारत के सैनिक श्री मोहनलाल तिवारी जी द्वारा जो तीन बार युद्ध में भाग लेने के बाद उनके पैरों में गोलियों के निशान शरीर में अनेक गोलियों के निशान हैं और उन्होंने कहा है कि हमारी मौत को बचाने वाले भारत माता और ईश्वर है हम कभी के शहीद हो जाते लेकिन ईश्वर की कृपा से और मातृभूमि की रक्षा करने के लिए अभी हमें कुछ और करने का संकल्प था जो हम पूरा करने में लगे हैं ।

Viyasmani Tripathi

Cheif editor Mobile no 9795441508/7905219162

Related Articles

Back to top button