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नशा राष्ट्र और समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहा है नशे से दूर रहें विधार्थी-डॉ पूर्ण प्रभा प्राचार्य

महाविद्यालय परिसर में अगर कोई विधार्थी या स्टाफ सदस्य नशा करता पाया जाता है तो उनके चालान काटे जाएंगे

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार महेंद्रगढ़ हरियाणा

 

*नारनौल टुडे न्यूज़*

राजकीय महाविद्यालय नारनौल के यूथ रेडक्रॉस और नशा मुक्ति प्रकोष्ठ के सानिध्य में, उच्चतर शिक्षा आयुक्त, जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रमेश चंद्र आर्य के दिशा-निर्देशन व प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में नशा मुक्ति अभियान चलाया गया। महाविद्यालय के यूथ रेडक्रॉस और नशा मुक्ति प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी और संयोजक डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महाविद्यालय में समय-समय पर नशा मुक्ति जागरुकता अभियान चलायें जा रहें है।

                 *उन्होंने कहा कि महाविद्यालय नशा के प्रति हमेशा आवाज बुलंद कर रहा हैं। महाविद्यालय परिसर में अगर कोई विधार्थी या स्टाफ सदस्य नशा करता पाया जाता है तो उसका चालान काटे जाएंगे। इसी कड़ी में आज मंगलवार को स्टाफ सदस्यों और विधार्थियों को नशा एक अभिशाप विषय पर सेमिनार और एक रैली के साथ नशा मुक्ति जागरुकता शपथ का आयोजन करवाया गया है।*

            प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा ने विधार्थियों को बताया कि नशा एक ऐसी बुराई है, जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशा दीमक की तरह है जो इंसान समाज और राष्ट्र को अंदर-अंदर खोखला बना देता है। उसके बाद इंसान का स्वास्थ्य खराब होता है। हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन इन पीड़ितों को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान लगातार चला रहीं है। शिक्षण संस्थाओं में शराब और गुटखे पर रोक लगाने के प्रयास करती है। नशे के रूप में लोग शराब, गांजा, जर्दा, ब्राउन शुगर, कोकीन, स्मैक आदि मादक पदार्थो का प्रयोग करते हैं।

                *नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि शराब , चीट्टा, भूकी, कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। इन नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति पागल और सुप्तावस्था में चला जाता है। उपजिला चिकित्सा अधिकारी डॉ हर्ष चौहान ने बताया कि शराब और तम्बाकू के सेवन से तपेदिक, निमोनिया और सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इसके सेवन से जन और धन दोनों की हानि होती है। हिंसा, बलात्कार, चोरी, आत्महत्या आदि अनेक अपराधों के पीछे नशा एक बहुत बड़ी वजह है। शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करना, शादीशुदा व्यक्तियों द्वारा नशे में अपनी पत्नी से मारपीट करना आम बात है।*

               सामान्य हस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ अनिल कुमार का कहना है कि युवाओं में नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव, परिवार के झगड़े, इन्टरनेट का अत्यधिक उपयोग, एकाकी जीवन, परिवार से दूर रहने, पारिवारिक कलह जैसे अनेक कारण हो सकते है। महाविद्यालय उप प्राचार्य डॉ जगजीत सिंह मोर और प्रोफेसर सोनू जागलान डॉ मनोज कनोजिया व डॉ प्रियंका शर्मा ने विधार्थियों को नशा मुक्ति के जागरुकता के नारे बड़े शिद्दत से लगवाएं। महाविद्यालय कुलसचिव और एन एस एस अधिकारी डॉ सत्यपाल सालोदिया ने विधार्थियों को बताया कि नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है। एनसीसी और एन एस एस अधिकारी डॉ पलक ने बताया कि नशा एक ऐसी बुराई है, समाज मानव का इन विषाक्त और नशीले पदार्थों के सेवन से वैयक्तिक, मानसिक और सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से पतन होता है इसलिए हमें हमेशा किसी भी तरह के नशें से बचना चाहिए। आज हरियाणा राज्य नशा मुक्ति केंद्र की टीम द्वारा महाविद्यालय परिसर में नशा जागरूकता अभियान के तहत बैनर और पोस्टर लगवाए गए। जिसमें मुख्य रूप से गुलजार अहमद और मोहित डिवीजनल कोऑर्डिनेटर जनरेशन सेवियर एसोसिएशन का सराहनीय कार्य किया।

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

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