साइबर अपराधियों का पीछा करते हुए एसटीएफ उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन रुद्रपुर की टीम द्वारा साइबर अपराधियों को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार कर भेजा जेल
While pursuing cybercriminals, the STF Uttarakhand Cyber Crime Police Station team arrested the culprits from Jaipur, Rajasthan, and sent them to jail

ब्यूरो रिपोर्ट… रामपाल सिंह धनगर
देहरादून… उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र रूद्रपुर पुलिस टीम द्वारा इफ्को के सेवानिवृत्त अधिकारी के साथ की गयी 20 लाख रूपये की साईबर धोखाधडी (डिजिटल अरेस्ट) के अभियुक्त को जयपुर राजस्थान से किया गया गिरफ्तार ।
माह दिसम्बर 2025 में 03 दिनों तक 80 वर्षीय पीडित बुजुर्ग व्यक्ति को घर पर व्हाटसप वीडियों कॉल के माध्यम से किया गया था “डिजिटल अरेस्ट”।

अज्ञात साईबर अपराधियों द्वारा पीडित को दिल्ली क्राईम ब्रांच तथा सीबीआई अधिकारी बनकर आधार कार्ड के दुरूपयोग होने तथा आधार कार्ड के नाम पर खोले गये केनरा बैंक के खाते में करोडो रूपये का लेनदेन होना बताया गया ।
पीडित को उनके विरूद्ध मनी लाण्ड्रिंग के तहत केस दर्ज होने की बात भी कही गयी ।
साईबर अपराधियो द्वारा पीडित के सभी बैंक खातों / जमीन जायजाद का वैरिफिकेशन किये जाने की बात कहकर व्हाटसप कॉल पर ही डरा धमकाकर कानूनी कार्यवाही का भय दिखा कर डिजिटल अरेस्ट करते हुए विभिन्न खातों व एफडी में जमा कुल 20 लाख रूपये स्थानान्तरित करवाये गये थे ।

श्रीमान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, श्री दीपम सेठ (भा0पु0से0) के दिशा निर्देशन व श्री निलेश आनन्द भरणे (भा0पु0से0) पुलिस महानिरीक्षक साईबर / एसटीएफ उत्तराखण्ड के निकट पर्य़वेक्षण में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह (भा0पु0से0) द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि प्रकरण जनपद नैनीताल निवासी बुजुर्ग पीड़ित व्यक्ति द्वारा माह दिसम्बर 2025 में साईबर थाना कुमाँय़ू परिक्षेत्र रूद्रपुर जनपद ऊधम सिंह नगर में दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि दिसम्बर 2025 में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा स्वयं को दिल्ली क्राईम ब्रांच / सीबीआई से बताते हुए पीडित के नाम पर खुले केनरा बैंक खाते में मनी लांड्रिंग के तहत करोडो रूपये के लेनदेन होने की बात कही गयी थी।

जिसके लिये पीडित के सभी बैंक खातों / जमीन जायजाद का वैरिफिकेशन करने हेतु व्हाटसप वीडियो कॉल पर ही पीडित को “डिजिटली अरेस्ट” करते हुए 03 दिनों में कुल 20 लाख रूपये की धनराशि ऑनलाईन धोखाधडीपूर्वक आईसीआईसी बैंक के खाते मे स्थानान्तरित करायी गयी, जहां से यह धनराशि विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित कर विभिन्न माध्यमों से आहरित कर ली गयी ।
प्रकरण की गंम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन तथा सहायक पुलिस अधीक्षक श्री कुश मिश्रा (आई0 पी0 एस0) के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक साईबर थाना अरूण कुमार के नेतृत्व में निरीक्षक / विवेचक श्री धीरेन्द्र कुमार पंत, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, कुमाऊँ परिक्षेत्र, रूद्रपुर को विवेचना सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित को डिजिटली अरेस्ट कर उनसे कुल 20 लाख रूपये की धनराशि ऑनलाईन धोखाधडीपूर्वक आईसीआईसी बैंक के खाते मे स्थानान्तरित करायी गयी, जहां से यह धनराशि विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित कर विभिन्न माध्यमों से आहरित कर ली गयी ।
तत्पश्चात प्राप्त डेटा के गहन विश्लेषण से पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । देहरादून स्थित कोर टीम तथा साईबर थाना टीम द्वारा संयुक्त रूप से तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर अभियोग में प्रकाश में आये अभियुक्त महीम सिसौदिया पुत्र छोटु लाल सिसौदिया निवासी 111 महावीर नगर 2 दुर्गापुरा महाहानी फार्म थाना शिप्रा पथ जयपुर राजस्थान उम्र 19 वर्ष को चिन्हित करते हुए अभियुक्त की तलाश करते हुए थाना शिप्रा पथ जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार कर अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 01 मोबाईल फोन(Iphone 14 Pro),आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैक पासबुक, सिम कार्ड बरामद किया गया है ।
अपराध का तरीका:
अभियुक्त द्वारा पीडित को दिल्ली क्राईम ब्रांच व सीबीआई अधिकारी बताकर पीडित के नाम पर ही खुले केनरा बैंक के खाते में मनी लांड्रिंग के तहत करोड की धनराशि प्राप्त होने की बात कही गयी, जिसके लिये पीड़ित को व्हाटसप कॉल के माध्यम से लगातार सम्पर्क में रहने तथा किसी भी व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं रहने की हिदायत अपराधियों द्वारा दी जाती थी, व्हाटसप कॉल पर ही बैंक खातों / जमीन जायजाद का वैरिफिकेशन किये जाने को बोला जाता था, जिसके लिये साईबर अपराधियों द्वारा पीडित को डरा धमकाकर House Arrest / Digital Arrest होने की बात कहते हुए व्हाटसप कॉल के माध्यम से लगातार सम्पर्क में बने रहने की बात कहीं जाती थी । अभियुक्त द्वारा पीडित को दिल्ली क्राईम ब्रांच व सीबीआई अधिकारी बनकर वादी के आधार कार्ड व बैंक खाते के अपराध में शामिल होने पर गिरफ्तारी का डर दिखाकर व्हाटसअप पर डिजिटल अरेस्ट कर कुल 20,00,000/- रूपये की ऑनलाईन साईबर धोखाधडी की गई थी, जिसमें पीडित को गिरफ्तारी का भय दिखाकर उनके व्हाटसअप पर विभिन्न फर्जी आदेश निर्देश प्रेषित करते हुए बैक खातो का विवरण उपलब्ध कराया गया तथा उपरोक्त बैक खातो में पीडित से अलग-अलग धनराशी स्थानान्तरित करायी गयी । जिसमें मुकदमा वादी द्वारा अपने एसबीआई बैक हल्द्वानी के खाता स0 -11178639941 से दिनांक 09-12-2025 को 20,00,000 रूपये की धनराशी नेफ्ट के माध्यम से आईसीआईसीआई बैक में स्थानान्तरित की गई, जिसके वाद उक्त धनराशी तत्काल ही विभिन्न लाभार्थी बैंक खातो में स्थानान्तरित कर दी गई । वादी मुकदमा द्वारा अपने एसबीआई बैंक के खाता 01 ट्राजैक्शन के द्वारा कुल 20,00,000/- रूपये स्थानान्तरित किये गये । जिसमें समस्त धनराशि इंटरनेट बैकिंग व मोबाईल बैकिंग के माध्यम से अलग-अलग बैक खातो मे स्थानान्तरित कर दी गई । बैक आफ इण्डिया मे स्थानान्तरित हुई धनराशी के सम्बन्ध में जयपुर राजस्थान जाकर सम्बन्धित बैक की सीसीटीवी वीडियो फुटेज प्राप्त करने पर खाताधारक महिम सिसौदिया हुलिये का व्यक्ति बैक खाते से नगद धनराशी ले जाते हुए प्रतीत हुआ । दिनांक 09-12-2025 को लाभार्थी बैक खाते मे प्राप्त धनराशी की निकासी नगद व यूपीआई के माध्यम से खाताधारक महीम सिसौदिया द्वारा किया जाना पाया गया । अभियुक्त काफी शातिर व पेशेवर किस्म का व्यक्ति है जो लगातार अपनी पहचान व जगह बदल रहा था । जिसके द्वारा उक्त बैंक खाते मे रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर को धनराशि निकालकर पुलिस कार्यवाही से बचने के लिये तत्काल स्विच ऑफ कर लिया गया । पुलिस टीम द्वारा बैक खाताधारक के पते की जयपुर जाकर तस्दीक किया गया तो पंजीकृत पते पर भी अभियुक्त का निवास न होना पाया गया । आस पास के लोगो से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि अभियुक्त कई वर्षो पूर्व यह पता छोडकर कही चला गया है । पुलिस टीम द्वारा लगातार 07 दिनों जयपुर मे रहकर उक्त अभियुक्त की सुरागरसी पतारसी करते हुये अथक मेहनत व प्रयास कर मैनुवली व आधुनिक तकनीकी संसाधनों व एसटीएफ देहरादून मे तैनात टेक्नीकल कोर टीम की सहायता से खाताधारक के नवीन पते की जानकारी कर अभियुक्त महिम सिसौदिया पुत्र छोटे लाल निवासी 111 महावीर नगर 2 दुर्गापुरा महाहानी फार्म थाना शिप्रा पथ जयपुर राजस्थान वर्तमान पता 44 ए महावीर नगर 2 दुर्गापुर महारानी फार्म जयपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया गया । जिस बैंक खाते का प्रयोग किया जा रहा था उसमें दिसम्बर माह में ही लाखों रूपयों का लेन-देन होना प्रकाश में आया है । विभिन्न राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश में अभियुक्त के विरूद्ध 07 शिकायतें दर्ज होनी पायी गयी जिस सम्बन्ध में सम्बन्धित राज्यों से भी सम्पर्क किया जा रहा है ।
S NO Acknowledgement No State District Police Station Category
1 23112250196382 UTTAR PRADESH HARDOI KOTWALI CITY Online Financial Fraud
2 31611250152909 KARNATAKA KOPPAL GANGAVATHI TOWN Online Financial Fraud
3 32512250039340 PUNJAB POLICE COMMISSIONERATE JALANDHAR Cyber Crime Police Station Jalandhar city Online Financial Fraud
4 33512250022274 UTTARAKHAND NAINITAL MUKHANI Online Financial Fraud
5 33712250058786 TELANGANA CYBERABAD Cyber Crime Online Financial Fraud
6 23110250160395 UTTAR PRADESH MATHURA KOSIKALAN Online Financial Fraud
7 30610250002828 CHANDIGARH CHANDIGARH SARANGPUR Online Financial Fraud
अभियुक्त का नाम व पता- महिम सिसोदिया पुत्र श्री छोटे लाल सिसोदिया निवासी 111 महावीरनगर, महारानी फार्म द्वितीय दुर्गापुरा, थाना शिप्रा पथ, जिला जयपुर राजस्थान उम्र 19 वर्ष वर्तमान पता 44 ए महावीर नगर 2 दुर्गापुर महारानी फार्म थाना शिप्रा पथ जयपुर राजस्थान ।
बरामदगी-
01- मोबाईल फोन आईफोन 14 प्रो
02- मोबाईल सिम कार्ड
03- 02 बैक खाते (बैक आफ इण्डिया व एसबीआई)
04- आधार कार्ड व पैन कार्ड
पुलिस टीम-
1- निरीक्षक / विवेचक श्री धीरेन्द्र कुमार पंत
2- अ0उ0नि0 श्री विनोद कुमार विष्ट
3- हेड कानि0 दीपक जोशी
4- हेड कानि0 सोनू पाण्डे
5- कानि0 विकास रावत
टेक्निकल कोर टीम देहरादून –
उप निरीक्षक कुलदीप टम्टा
कानि0 नितिन रमोला
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि अन्जान नम्बरों से आने वाली वीडियो कॉल से बात न करें, न ही कोई सूचना / दस्तावेज दें । यदि कोई आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी, टेलीकॉम आदि का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने को डराये धमकाये तो घबरायें नहीं, कोई भी एजेन्सी ऑनलाईन गिरफ्तार नहीं करती है । किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों / फर्जी साईट / धनराशि दोगुना करने के प्रलोभनों में न आयें । साथ ही फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें । गूगल से कोई भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें । तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर या cybecrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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