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सेवा पखवाड़ा के तहत बांठिया ने किया जनसंपर्क, जनकल्याणकारी योजनाओं से कराया अवगत
श्री गुरुकृपा वेद विद्यालय में बटुकों ने वैदिक मंत्रोच्चार से किया बांठिया का स्वागत

ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग
बालोतरा।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य गणपत बांठिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश भाजपा द्वारा चलाये जा रहे सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाकर व्यापारियों से वार्ता की।
सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य बांठिया ने क्षेत्र के दुदवा गाँव मे दुकानदारों से वार्ता कर जीएसटी रिफॉर्म के बारे में जानकारी देते हुए केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में अवगत करवाते हुए लाभ लेने का आव्हान किया।
उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले दस वर्षों में देश की आर्थिक संरचना को मजबूत किया है। जीएसटी सुधार (GST Reforms) के माध्यम से व्यापार जगत को एक पारदर्शी और सरल कर प्रणाली मिली है, जिससे व्यापार में सुगमता आई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” की नीति पर कार्य कर रही है, और इसी दिशा में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएँ लागू की गई हैं — जिनसे आमजन, किसान, व्यापारी और युवाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा हैबांठिया ने कहा कि भाजपा केवल राजनीति नहीं बल्कि सेवा का माध्यम है। सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को “सेवा, समर्पण और जनकल्याण” के रूप में मना रहे हैं।इस दौरान भाजपा महामंत्री कमल प्रजापत,युवा नेता अशोक जोशी,किशनाराम मेघवाल,सवाई भील, सवाई प्रजापत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
श्री गुरुकृपा वेद विद्यालय का किया अवलोकन:-
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य बांठिया ने बायतु क्षेत्र में संचालित श्री गुरुकृपा वेद विद्यालय संस्थान का अवलोकन कर बटुकों (विद्यार्थियों) से चर्चा की।इस दौरान बांठिया का बटुकों (विद्यार्थियों) द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
सस्थान संरक्षक दमाराम गौड़ सहित अन्य प्रतिनिधियों ने जानकारी साझा की।इस दौरान बांठिया ने कहा कि वैदिक काल में जिस शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ उसे वैदिक शिक्षा प्रणाली कहते है। पूरे वैदिक काल में शिक्षा का प्रशासन एवं संगठन तो सामान्यतः एक सा रहा परन्तु समय की परिस्थितियों और ज्ञान एवं कला कौशल के क्षेत्र में विकास के साथ-साथ उसकी पाठ्यचर्या और शिक्षण विधियों में विकास होता रहा। उन्होंने ने कहा कि वैदिक शिक्षा प्रणाली आधुनिक भारतीय शिक्षा प्रणाली का नींव का पत्थर है। उसी के आधार पर आधुनिक शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ है। सच बात तो यह है कि वैदिक कालीन शिक्षा प्रणाली हमारी संस्कृति पर आधारित थी और संस्कृति से हम अलग हो नहीं सकते। आज भी हमारी शिक्षा के उद्देश्य मूल रूप से वही हैं जो वैदिक काल में थे। वैदिक काल की भाँति हम आज भी समस्त ज्ञान-
विज्ञान, कौशल और तकनीकी को शिक्षा की पाठ्यचर्या में सम्मिलित करते हैं। आज भी शिक्षक और शिक्षार्थियों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित है।