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सचिव RDD&PR ने की स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) प्रगति की समीक्षा, SBM 3.0 का रोडमैप किया तय

ब्यूरो चीफ राजेश कुमार, पुंछ

 

श्रीनगर, 28 अगस्त:

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (RDD&PR) के सचिव मोहम्मद एजाज़ असद ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें AIP 2025-26 की स्थिति, SBM-G परिसंपत्तियों की कार्यशीलता, गैर-ODF+ गांवों को ODF+ मॉडल गांवों में बदलना, व्यक्तिगत शौचालय (IHHL) निर्माण में कमी और लंबित नागरिक आवेदनों का निपटान, गॉबरधन (GOBARdhan) योजना की प्रगति, स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG) 2025 की तैयारियां और SBM-G 3.0 का क्रियान्वयन शामिल थे।

बैठक में DG ग्रामीण स्वच्छता अनू मल्होत्रा, निदेशक RDD कश्मीर और जम्मू, शबीर हुसैन भट एवं शहनाज़ अख्तर, निदेशक पंचायती राज श्याम लाल, उप सचिव ताहिर अहमद मगरे, REW कश्मीर और जम्मू के अधीक्षण अभियंता, ACDs, ACPs, BDOs एवं REW के कार्यकारी अभियंता मौजूद रहे।

सचिव असद ने सामुदायिक शौचालय परिसरों, कम्पोस्ट पिट्स, सोक पिट्स, सेग्रीगेशन शेड्स और वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स जैसी स्वच्छता अवसंरचना की निविदा और आवंटन की गति की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से कम प्रगति वाले जिलों में समयबद्ध ढंग से परियोजनाओं को पूरा करने और उन्हें ग्रामीण परिवारों को ठोस लाभ पहुंचाने के लिए जल्द से जल्द क्रियाशील करने पर जोर दिया।

उन्होंने कड़ी दस्तावेज़ीकरण, पारदर्शिता और जिला स्तर पर प्रतिदिन प्रगति की निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय पर परियोजनाओं का निष्पादन ही SBM-G के उद्देश्यों को हासिल करने की कुंजी है। साथ ही उन्होंने IHHL की खामियों को जल्द पूरा करने और लंबित नागरिक आवेदनों का निपटारा करने पर बल दिया।

गॉबरधन पहल पर, सचिव ने बायोगैस परियोजनाओं की गति तेज करने और व्यवहार्यता संबंधी चुनौतियों को हल करने के निर्देश दिए। वहीं SSG 2025 की तैयारी के लिए उन्होंने डिजिटल सत्यापन हेतु दस्तावेज़ीकरण और साक्ष्यों को अपलोड करने की प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया।

SBM-G 3.0 के खाके को प्रस्तुत करते हुए सचिव ने क्लस्टर आधारित वेस्ट मैनेजमेंट, वेस्ट-टू-एनर्जी, बायोचार जैसी नवीन तकनीक, प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के लिए PPP मॉडल, स्थायी वित्तीय तंत्र और जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप लचीली व्यवस्थाओं को अपनाने पर बल दिया।

उन्होंने मनरेगा के साथ अभिसरण, तकनीक आधारित निगरानी, बेहतर क्रियान्वयन, क्षमता निर्माण और तकनीकी मार्गदर्शन को आवश्यक बताया ताकि ग्रामीण स्वच्छता सतत, न्यायसंगत और भविष्य के लिए तैयार हो सके।

बैठक में DG ग्रामीण स्वच्छता ने विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें सामुदायिक शौचालय परिसर, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट्स, ग्रे वाटर सिस्टम, डीवाट्स (DEWATS), सोक पिट्स और गॉबरधन संयंत्रों से संबंधित चुनौतियों और उपलब्धियों का विवरण शामिल था।

Viyasmani Tripathi

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