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निजी स्कूलों की मनमानी एवं लूट पर शासन की नहीं नकेल लुट रहे अभिभावक

जनपद में 300 रुपये से लेकर 5000 रुपये महीने तक पहुँची निजी विद्यालयों में प्राइमरी स्तर की फीस -किताब , कापी , ड्रेस , जूता , मोजा के बहाने भी बेहिसाहब लूट जारी -यदि शिक्षा के नाम पर यूँ ही जारी रहेगी लूट तो बिना शिक्षा कैसे पूरा होगा विकसित भारत का सपना

 

ब्यूरो चीफ सचिन कुमार कसौधन

बस्ती संवाददाता – सरकार ने परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा को भले ही निःशुल्क कर दिया है पर निजी विद्यालयों की मनमानी एवं लूट पर लगाम लगाने में पूरी तरह फेल है जिसके परिणाम स्वरूप जनता निजी विद्यालयों के संचालकों के हाथों लुटने को मजबूर है ।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद में शिक्षा का बाजारीकरण चरम पर पहुँच चुका है जिसका परिणाम यह है कि जनपद में निजी विद्यालयों के प्राइमरी स्तर की फीस 5000 रुपये महीने के पायदान पर पहुँच गयी है । बात यही न तो रुकती है न ही समाप्त होती है इस फीस के बाद , जूता मोजा कापी किताब व अन्य त्योहारी खर्चे भी जबरियां वसूले जा रहे हैं । निजी विद्यालयों द्वारा की जा यह लूट जिम्मेदारों की जानकारी में चल रही है न कि चोरी छिपे फिर भी लूट रुकने का नाम नहीं ले रही है । हैरानी वाली बात तब आती है जब जिम्मेदार इस दिशा में पहल करने की बात तो दूर सोचना तक मुनासिब नहीं समझते । शासन एवं प्रशासन के जिम्मेदार ही इस समस्या की जड़ में समाए हुए हैं इसीलिए समस्या सुलझने का नाम नहीं ले रही है ।

Sachin Kumar Kasudhan

Beauro Chief (Basti)

Sachin Kumar Kasudhan

Beauro Chief (Basti)

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