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मुंडावर: पत्रकार की बेटी के अपहरण का प्रयास, पुलिस की लापरवाही से नाराज़गी
विद्यालय वाहन से उतरवाकर की गई वारदात, बच्ची की सजगता से टला बड़ा हादसा

जयबीर सिंह ब्यूरो रिपोर्ट मुंडावर (कोटपूतली-बहरोड)
कस्बे के एस.आर.आर. स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 3 की छात्रा और स्थानीय पत्रकार देवराज मीणा की पुत्री देविका का सोमवार को अपहरण करने का प्रयास किया गया। यह वारदात उस समय हुई जब स्कूल से घर छोड़ने के दौरान बच्ची को टेम्पो चालक द्वारा घर से करीब 200 मीटर पहले ही उतार दिया गया। इसी दौरान दो स्कूटी सवार अज्ञात युवकों ने बच्ची को जबरन उठाने की कोशिश की, लेकिन देविका की सजगता और शोर मचाने के कारण वे डरकर उसे छोड़कर फरार हो गए।
घटना के बाद बच्ची किसी तरह अपने घर पहुंची और पूरी बात अपने पिता को बताई। पत्रकार देवराज मीणा ने तुरंत मुंडावर थाने में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि “पुलिस ने न तो घटनास्थल का मुआयना किया और न ही किसी प्रकार की सुरक्षा या जाँच की कार्यवाही की।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर एक पत्रकार के परिवार की सुरक्षा को लेकर पुलिस का ये रवैया है, तो आम जनता के साथ क्या होता होगा?”
*स्कूल प्रशासन भी बेपरवाह*
इस मामले में जब स्कूल संचालक विक्रम से विद्यालय का पूरा नाम पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमारे स्कूल का नाम सिर्फ एस.आर.आर. के नाम से ही चलता है, पूरा नाम मुझे भी नहीं पता। पहले मेरे जीजा स्कूल चला रहे थे, अब मैं पिछले 20 वर्षों से चला रहा हूँ।”
यह स्थिति विद्यालय प्रशासन की लापरवाही और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। एक ओर जहां स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए स्पष्ट पहचान, ड्राइवरों की निगरानी और सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए, वहीं यहां न तो संस्था का पूरा नाम स्पष्ट है और न ही बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिख रही है।
पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल
घटना के बाद से अब तक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। न तो टेम्पो चालक से पूछताछ की गई, न ही स्कूटी सवार आरोपियों की पहचान को लेकर कोई प्रयास। यह लापरवाही न केवल बच्ची के परिवार के लिए चिंता का कारण है, बल्कि पूरे क्षेत्र के अभिभावकों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर रही है।