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भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी निकली, भाव विभोर हुए भक्तगण
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे से समूचा कथा स्थल गुंजायमान हो गया - श्री मद्भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण के बाललीला,माखन चोरी, व्रजरज का महत्व, कालिया मर्दन प्रसंग की कथा सुनाई गई - रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पेटराही के सिंधौरा गोरारी गांव स्थित संत श्री कामेश्वर जी शिक्षा एवं जन विकास सेवा आश्रम में चल रहा आयोजन

ब्यूरो चीफ राम सुदीन सोनभद्र
सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत पेटराही के सिंधौरा गोरारी गांव में स्थित संत श्री कामेश्वर जी शिक्षा एवं जन विकास सेवा आश्रम में चल रहे श्री मद्भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की झांकी निकाली गई। इस दौरान हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारे से समूचा कथा स्थल गुंजायमान हो गया। भगवान श्री कृष्ण का दर्शन करने का तांता लगा रहा, वहीं कथा का रसपान कर भक्त भाव विभोर हो गए।
श्री मद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस के अवसर पर परम् श्रद्धेय अरुण कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने परब्रह्म भगवान् श्री कृष्ण के पावन बाललीला एवं पूतना मोक्ष , भगवान् के माखन चोरी की लीला, व्रजरज का महत्व , ब्रह्मादिक देवताओं का मान मर्दन एवं कालीयमर्दन के पावन प्रसंगों का सुन्दरतम् कथा के द्वारा समस्त श्रोता समुदाय को भागवतीय सरिता में सराबोर किया। जिसमें भगवान् के ही दिव्य स्वरूप में प्रतिष्ठित गोवर्धन भगवान् की पावन कथा का रसास्वादन कराया गया। महाराज जी ने कहा कि भारतवर्ष में जन्म लेना सुन्दरतम् सौभाग्य का उदय होना है। भारतवर्ष के पत्ता, पानी, पत्थर में भी इतना सामर्थ्य है कि समस्त जनमानस को गोविंद के अलभ्य कृपा का भी लाभ प्रदान करता है। पावन गोवर्धन भगवान् के महत्व को बताते हुए व्यास जी ने कहा कि गाय , ब्राह्मण, संत , पर्वत , माता ,पिता , भारतीय परिपाठी में इन्हें प्रत्यक्ष देवस्वरूप में स्वीकार किया है।
गोवर्धन की कथा का सारांश बतलाते हुए महाराज जी ने कहा कि प्रकृति एवं ब्रह्म को भूलना नहीं चाहिए, जिसे सुनकर समस्त जनमानस श्रोता समुदाय आनन्द स्वरूप परमात्मा के आनन्द में आनन्दित हुए। व्यास जी ने कहा कि संत श्री कामेश्वर जी का उद्देश्य वैदिक गुरुकुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसमें क्षेत्र के सभी गणमान्य प्रियजनों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। आप सभी लोग प्रभु के श्री चरणों में अपना सहयोग प्रदान करें और अपनें अमूल्य जीवन को सफल बनाएं।
इस अवसर पर यज्ञ के आचार्य सूरज पाण्डेय जी , पं० सतीश पाण्डेय, अर्जुन तिवारी, सुन्दरम् ओझा, अभिषेक पाठक, राजेश कुमार पाठक, नितेश पाठक , सुशील त्रिपाठी, प्रशान्त कुमार मिश्र, दिनेश पाण्डेय, गणेश दूबे, पंकज पाण्डेय, प्रिया पाठक, सुशीला पाठक, सुघरा पाठक, उषा पाठक, अनुराग पाठक, प्रिंस पांडेय, ललित पांडेय, सनोज पांडेय एवं समस्त भगवत्प्रेमी भक्त संगीत के सुमधुर कलाकार उपस्थित रहे।