
बीकानेर से डॉ राम दयाल भाटी
(कारगिल वॉर हीरो नायक दीपचंद जी की कहानी)
*मेरे आदर्श मेरे विचार कारगिल वॉर 1999 में युद्ध लड़ने वाले और अपनी बटालियन के साथ पाक दुश्मनों पर 10000 राउंड फायर करने वाले और भारत देश के कही जोखिम ऑपरेशन में भाग लेने वाले योद्धा नायक दीपचंद जी सर कारगिल वॉर के बाद देश की 2001 संसद पर हमला हुआ दीपचंद जी राजस्थान की सीमा पर तैनात थे उस दौरान भारतीय सेना को रिप्लाई किया गया था तो क्लियर करते वक्त अचानक गोला बारूद में आग लगने पर ब्लास्ट हुआ जिसमें दीपचंद जी के दोनों पैर और एक हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गए जिसे काटना पड़ा पर फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दीपचंद जी बताते है कि उन्होंने उनकी धर्मपत्नी से भी छुपाई थी वह जब भी अस्पताल आती थी तो उनके साथी उनके पैर पर तकिया लगाकर ढक देते थे ताकि बीवी को पता नहीं चले कुछ वक्त बिता और नायक दीपचंद जी ने अपने शारारिक नुकसान के बारे में बताया वक्त बीत जाने की वजह से दुःख कम हुआ दीपचंद जी अपनी यूनिट में क्रॉस कंट्री यानी कि लंबी दूरी अक्सर जीता करते थे दीपचंद जी ने अपने दो पैर और हाथ खोने के बाद भी हार नहीं मानी और आज भी देशभक्ति का जोश और जुनून उनके अंदर कूट-कूट कर भरा हुआ है और आज भी वह सारे कार्य कर लेते हैं खुद और अपने आप को वापस देशभक्ति के लिए अपने नए जीवनको जीने के लिए खुदको तैयार किया और आज भी उनके अंदर देशभक्ति का जज्बा है और हर कार्य पूरे हौसले के साथ करते हैं मैने भी काफी कुछ सीखा उनसे love you sir💖🇮🇳🙇🏻*
(सर की एक खास बात देश भक्ति जरूरी नहीं की बॉर्डर पर रहकर की जाए देश के अंदर भी आप लोगों की सेवा करके देशभक्ति कर सकते हैं)
आपका शुभ चिंतक
*सुभेच्छु*
*संजय सैन(आज़ाद)*
*Aburoad city Rj*🛣️