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चपड़ासी भर्ती में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग को पूरा आरक्षण ना देकर कर रहे भेदभाव- विभिन्न संगठनों ने जताया रोष 

 

नारनौल 30 अगस्त ( सतीश कुमार शर्मा)

 

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा चपड़ासी के 300 पदों में से एससी, एसटी व ओबीसी के 141 में से मात्र 30 पद आरक्षित श्रेणी से भरने का है मामला

नारनौल, 30 अगस्त

   माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा 25 अगस्त, 2024 को विज्ञापन संख्या 01/पीयन/एचसी/2024 में चपड़ासी के कुल 300 पदों में से एसी, एसटी और ओबीसी तीनों श्रेणी के लिए केवल 30 पदों को आरक्षित किया गया है जिसमें आनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर, 2024 है। यहां यह गौर का विषय है कि 300 पदों की भर्ती में 27% के हिसाब से ओबीसी के 81 पद और 20% के हिसाब से एससी के 60 पद बनते हैं। इस प्रकार संवैधानिक आधार पर 141 की बजाय केवल 30 आरक्षित कर भर्ती प्रक्रिया करने के भेदभाव से ग्रस्त इस मामले में सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में गुरु रविदास मंदिर में समिति प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में रोष बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में न्याय प्रदान करने के हाईकोर्ट के भगवान द्वारा पूर्ण आरक्षण ना देने की निंदा की गई और संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान, गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीरसिंह बबेरवाल, अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लालाराम नाहर, संघर्ष समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था, दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल, राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव किशनलाल लुहानीवाल, सैनी सभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, जांगिड़ समाज के प्रमुख समाजसेवी एवं चेयरमैन सुरेश बोद्ध, भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सचिव सुमेर सिंह गोठवाल, गुरु रविदास एवं अंबेडकर फेडरेशन के प्रदेश वित्त सचिव रामकुमार ढ़ैणवाल, डॉ भीमराव अम्बेडकर युवा मण्डल के प्रधान विक्रम मांडैया ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र महामहिम राष्ट्रपति व हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर मांग की है कि न्यायोचित आरक्षण से वंचित करने की भेदभाव से ग्रस्त चपड़ासी की इस असंवैधानिक भर्ती को रद्द किया जाए अथवा न्यायोचित आरक्षण देकर भर्ती की जाए और इसके साथ यह भी मांग की गई कि बेरोजगारी व गरीबी से ग्रस्त एससी-एसटी, ओबीसी व दिव्यांग युवाओं की आवेदन करने की फीस 600 रुपए की बजाय निशुल्क की जाए । न्यायालय की इस आरक्षण विरोधी भेदभाव की नीति से समस्त एससी एसटी व ओबीसी समाज में भारी रोष व्याप्त है ।

इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी एवं पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक जयपाल सिंह, महल अनुसूचित जाति विकास मंच के सुरेश नारनोलिया, हरिराम सिरोहा, रामचन्द्र गोठवाल, पूर्व प्रधान रामचंद्र ग्रोवर, अमरनाथ सिरोहा, सूबे सिंह गोठवाल, पूर्व सरपंच ग्यारसी लाल आदि उपस्थित रहे।

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

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