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छिंदवाहां से निकल कर आई विशाल कांवड़ यात्रा मूड़ापार कई ओर कावड यात्रा में बटा भंडारा कावडियो की राह में बिछा दिए फूल

लोकेशन घंसौर
सोमनाथ धार्मिक की रिपोर्ट
छिंदवाहां से निकल कर आई विशाल कांवड़ यात्रा मूड़ापार कई ओर कावड यात्रा में बटा भंडारा कावडियो की राह में बिछा दिए फूल
ग्राम छिंदवाहा में एक साथ एक जुट हो कर कावड उठाकर किंदरई के भोले के भक्त
.संतोष नागेश पंचम ग्रीयम भानु कौशले ओमप्रकाश के साथ और भी आसपास के शंकर भोले के दीवानों ने कावड यात्रा में भाग लेकर 25 किलो मीटर तय करने में जगह जगह भंडारा का आयोजन रखा गया वही आप को बता दे की सावान का महीना भी अंतिम तिथि की है भक्तो ने भी कावड यात्रा में शामिल होकर छिंदवाहा से मुड़ापार में भव्य स्वागत किया
कांवड़ यात्रा को भगवान शिव के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है. यह सिर्फ़ एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति, और तपस्या की यात्रा है. कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त अपने घर से बांस की लकड़ी की कांवड़ लेकर निकलते हैं और किसी पवित्र नदी से गंगाजल भरकर लाते हैं. फिर, इस जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त रास्ते भर ‘बम बम भोले’ का जयकारा लगाते हैं.
मान्यता है कि कांवड़ यात्रा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. साथ ही, इससे भक्तों को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है और जीवन में कष्टों का सामना नहीं पड़ता. ऐसा माना जाता है कि कांवड़ यात्रा करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और शिवधाम को प्राप्त होता है. साथ ही, परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है. कांवड़ यात्रा को आत्म-शुद्धि का एक पवित्र साधन और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने का एक तरीका भी माना जाता है.