मृतका पर एफ आई आर विवेचना रिश्वत और कप्तान से गुहार

संवाददाता- जयबीर सिंह कोटकासिम राजस्थान
देवरिया पुलिस के माथे पर एक और कलंक लगता दिख रहा है | बिना जांच के दर्ज किए गए मुकदमे में मृतका को आरोपी बनाने वाली सुरौली पुलिस ने उप निरीक्षक बदरद्दूीन खान के जरिए विवेचना में सही रिपोर्ट लगाने के लिए कृषक के परिजनों से पैसे की मांग कर दी है जिसके बाद कृषक के परिजन आवेदन लिए पुलिस कप्तान से उचित जांच हेतु गुहार लगा रहे हैं |
ज्ञात हो कि बीते 11 दिसंबर 2022 को रामनाथ देवरिया निवासी दुर्गा मणि कतरारी नगर अंदर स्थित गाटा संख्या 1018 अपने पुश्तैनी कृषि भूमि में कृषि कार्य कर रहे थे कि जितेंद्र मिश्र, धीरेंद्र मिश्र, अनिरुद्ध मिश्र, वाचस्पति मिश्र, अजय उपाध्याय, सिंहासन गिरी दर्जनों की संख्या में गुंडों के साथ कृषक के कृषि भूमि पर पहुंचे और जबरन कब्जा करने लगे, मौके पर पुलिस की मौजूदगी के बाद भी धक्का-मुक्की और कब्जे का दौर जारी रहा | पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पर पूरे घटनाक्रम को 3 महीने बीतने को है और दर्जनों आवेदन कृषक ने थाने से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजें परंतु कृषक दुर्गा मणि की फरियाद अब तक नहीं सुनी जा सकी हैं, और ना ही अभियुक्तों पर कोई कार्यवाही की गई |
तो वहीं दूसरी तरफ अभियुक्तों के आवेदन पर 1 जनवरी 2023 को 420 और 427 की धारा में कृषक और उसके पूरे परिवार पर मुकदमा सुरौली थाना में पंजीकृत किया गया | यह मुकदमा बिना जांच के आनन-फानन में पुलिस ने दर्ज किया जिसके कारण उक्त मुकदमे में आरोपी के तौर पर 5 वर्ष पूर्व दिवंगत हो चुकी कृषक की माता जानकी देवी का भी नाम जोड़ दिया गया | मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस लगातार कृषक को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी कृषक न्यायालय की शरण में गया तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार्ज सीट तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी | ऐसे में पुलिस बैकफुट पर आ गई और अब जब पुलिस को यह पता चला कि f.i.r. में वर्षों पूर्व दिवंगत हो चुकी एक मृतका का नाम है तो उसने मुकदमा स्पंज करने के लिए विवेचक उप निरीक्षक बदरद्दूीन खान के जरिए कृषक के परिजन से ₹20000 की मांग कर दी | उक्त पूरे घटनाक्रम की जानकारी और पैसे की मांग को कृषक और उसके परिजन ने पुलिस अधीक्षक देवरिया और क्षेत्राधिकारी बरहज को मिलकर बताया | परंतु अब तक कोई कार्यवाही उपनिरीक्षक पर नहीं की गई |
ऐसे में देवरिया पुलिस के माथे पर एक बार फिर कलंक लगना निश्चित है | जिसने पहले तो कृषक के आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की, फिर अभियुक्तों के आवेदन को बिना जांच के उसी दिन दर्ज कर लिया और अब मुकदमा स्पंज करने के नाम पर कृषक के परिजनों से पैसे की मांग कर रहे हैं और पुलिस कप्तान पूरे घटनाक्रम से अवगत होने के बाद भी दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई करने से बच रहे |
ऐसे में कृषक को न्याय और भू-माफिया पर कार्रवाई तो भविष्य के गर्त में है | लेकिन मामला योगी सरकार के भयमुक्त समाज के नारे, भू माफियाओं से निपटने के वादे के साथ भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति पर उठ रहे सवाल के जवाब का है |जहां इतने प्रमाण और आवेदन देने बाद भी कृषक को न्याय नहीं मिल रहा और उसकी शिकायतें थाने से पुलिस कप्तान और मुख्यमंत्री कार्यालय में घूम घूम कर शासन सत्ता को मुंह चिढ़ा रही हैं और भूमाफिया, भ्रष्टाचारी सरकार के हर नारे को कुचल रहे |
परंतु अब देखना होगा कि 3 महीने पुराने मामले में कब तक पुलिस कृषक को न्याय दिला पाती है और पुलिस कप्तान फर्जी मुकदमा लिखने और रिश्वत मांगने वालों पर कब कार्यवाही करते हैं | जबकि आवेदन बारंबार उन तक पहुंच रहा है ऐसे में अपराधियों के विरुद्ध आवेदन पर कार्रवाई न होना न सिर्फ देवरिया पुलिस महकमे की साख को गिरा रहा बल्कि अपराधियों के हौसले को भी बुलंद कर रहा है और देवरिया पुलिस अपराधियों के आगे पस्त हो रही इस बात को लेकर आम जनमानस में भय व्याप्त हो रहा है जो सरकार की मंशा के बिल्कुल विपरीत कदम हैं |