
वेदान्त सिंह की रिपोर्ट
वियतनाम में लाखों लोग योग का अनुसरण करते हैं। वियतनाम के लोग योग के महत्व को समझ रहे हैं और इससे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
वियतनाम की जीएलजी योगा की अध्यक्ष सुश्री हो थी मिन ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन सभागार में आयोजित योग एवं वेलनेस के इंटरनेशनल सेमिनार में यह विचार व्यक्त किए।
सुश्री हो थी मिन लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थीं, लेकिन अब योग अपनाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने संकल्प लिया है कि वह अपना पूरा जीवन योग को समर्पित करेंगी और वियतनाम में योग के प्रचार-प्रसार के लिए दिन-रात काम करेंगी।
एनआईएच के आजीवन सदस्य प्रो.डॉ नवीन सिंह ने बताया कि इस संगोष्ठी के लिए 20 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत पहुँचा है। इसका आयोजन राष्ट्रीय समग्र स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) द्वारा, तनेजा रिज़ॉर्ट एंड वेलनेस सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में एसकेएम योग के सहयोग से और जीएलजी योग, ग्रीन लिविंग ग्रुप-वियतनाम के सहयोग से किया गया था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गुजरात योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री शीशपाल राजपूत ने कहा कि हमारा शरीर पंचतत्वों से बना है। इन पंचतत्वों का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है और हमें सुबह से रात तक अपनी दिनचर्या में पंचतत्वों का ध्यान रखना चाहिए और अपने खान-पान पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि वे प्रतिदिन 100 सूर्य नमस्कार करते हैं और दोपहर तक केवल जल पर ही जीवित रहते हैं तथा उसके बाद फलाहार करते हैं। इससे उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वे दिन भर ऊर्जावान बने रहते हैं।
संगोष्ठी में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित राजनांदगांव-छत्तीसगढ़ के पूर्व सांसद प्रदीप गांधी ने कहा कि जीवन में योग के साथ-साथ हमें अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं।
इस अवसर पर तनेजा रिसोर्ट एवं वेलनेस सेंटर के अध्यक्ष एवं भारतीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संस्थापक डॉ. एम.के. तनेजा ने अपने उद्घाटन भाषण में योग और वेलनेस के संयुक्त उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में योग के साथ-साथ हमारी जीवनशैली और हमारे विचार भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें इन पर विशेष रूप से कार्य करना होगा और अपने स्वास्थ्य को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखना होगा।
इस सेमिनार में देश-विदेश के 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वियतनाम के वरिष्ठ वैज्ञानिक, चिकित्सक और योग पर शोध कर रहे विद्वान भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। एसकेएम योग के संस्थापक डॉ. शिवम मिश्रा ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और उनका परिचय कराया। डॉ. शिवम ने विशेष रूप से वियतनाम से आए चिकित्सकों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों का परिचय कराते हुए बताया कि वियतनाम में योग का प्रचार-प्रसार बहुत तेज़ी से हो रहा है और यह प्रतिनिधिमंडल भारत की योग और प्राकृतिक चिकित्सा की इन विधियों को समझने के लिए भारत भ्रमण पर है।
सेमिनार में अंतर्राष्ट्रीय गुरु सुनील सिंह ने सभी को स्वस्थ रहने की जापान की विशेष विधि का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि यदि हम प्रतिदिन यह क्रिया करते हैं, तो हम स्वस्थ रहेंगे और सभी को हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं।
योग गुरु धाकरम ने अपने विशेष आसनों का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हमें केवल अपने स्वास्थ्य को ठीक करना होगा और साथ ही स्वास्थ्य के लिए विशेष क्रियाएँ भी प्रदर्शित कीं, जिनका लोगों ने लाभ उठाया।
मुंबई से आए रेजुवा वेलनेस के संस्थापक डॉ. संतोष पांडे ने डायनामिक एक्यूप्रेशर पर अपना विषय प्रस्तुत किया और सभी उपस्थित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया।
डॉ. संतोष पांडे बॉलीवुड अभिनेताओं के डॉक्टर हैं और अधिकांश अभिनेता उनसे उपचार का लाभ ले रहे हैं।
कार्यक्रम में योग एवं वेलनेस के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले योगाचार्यों एवं चिकित्सकों को सम्मानित किया गया, जिनमें मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु सुनील सिंह, योगाचार्य धाकरम, डॉ. प्रदीप कुमार, श्री प्रवेंद्र दहिया, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. जस्सी कटारिया, जुल्फिकार राशिद, डॉ. नीलम चौधरी, रजनीश गर्ग, अमरजीत अहलूवालिया, पं. संजीव शंकर योगाचार्य, दीपक कृष्णात्रेय,सौम्य चौहान,सुनील कनोजिया को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया।
सभी प्रतिनिधियों ने सेमिनार के उपयोगी सत्रों का लाभ उठाया। मंच द्वारा सभी उपस्थित प्रतिनिधियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम के औपचारिक समापन के बाद सभी ने जलपान का आनंद लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होलिस्टिक हेल्थ के अध्यक्ष डॉ. विनोद कश्यप ने किया।