
जयबीर सिंह (कोटकासिम)
क्षेत्र के तिंगावा में पाटन अहीर से बासनी जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर बनी एक प्राचीन छतरी पर ग्रामीण युवाओं द्वारा तिरंगा झंडा फहरा तो दिया गया मगर उसे समय से उतरना और उसके मान सम्मान का ख्याल रखना सायद वो भूल गए और न ही इसको लेकर किसी को कोई ख्याल आया। यही कारण है की राष्ट्र ध्वज आज भी खंडित अवस्था में उसी प्राचीन छतरी पर लहरा रहा हे। वहीं सबसे बड़ी बात तो यह है कि पास ही में राजीव गांधी सेवा केंद्र भी स्थित हे और थोड़ी ही दूरी पर राजकीय विद्यालय और अस्पताल भी स्थित है जहां पर सरकारी कर्मचारी रोजाना आते जाते हैं जिनमे से अधिकाश तो इस छतरी के पास से होकर ही गुजरते हैं। लेकिन उन्हें क्या? आज तक ना ही तो किसी ग्रामीण द्वारा इस और ध्यान दिया गया और न ही किसी कर्मचारी या अधिकारी द्वारा इस राष्ट्रीय ध्वज को उतरवाने में कोई रुचि दिखाई गई। यही कारण है यह आज भी खंडित अवस्था में लहरा रहा है।
इस तरह से बिना जिम्मेदारी लीये सार्वजनिक जगहों पर राष्ट्रीय ध्वज लहराने वालो को इसको सम्मान से उतारने की भी जिम्मेदारी निभानी चाहिए जिससे राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान बना रहे। इसके साथ साथ क्षेत्र में स्थानीय सरकारी कार्यालयों में आने वाले अधिकारियों को इस प्रकार सार्वजनिक रूप से लगाए गए राष्ट्र ध्वज के सम्मान का ध्यान रखने और आमजन को इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी का ध्यान दिलाने हेतु जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।