गरीबों के लिए मसीहा बने पूर्व पार्षद गौरी,गंभीर बीमारियों से जूझ रहे दो लोगों का उपचार करा दिया जीवन दान
Former councillor Gauri became a messiah for the poor, saved the lives of two people suffering from serious diseases by providing them treatment

ब्यूरो रिपोर्ट… अनीता पाल
रुद्रपुर -क्षेत्र में पूर्व पार्षद सुरेश गौरी किसी मसीहा से कम नहीं नजर आते। किसी भी गरीब व्यक्ति की पीड़ा सुनते ही वह तत्काल उसकी मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं। कुछ ऐसा ही मामला संज्ञान में आया कि जब गंभीर बीमारी से एक महिला और एक पुरुष जूझ रहे थे और जीवन की आशा छोड़ चुके थे। ऐसे में उनका आशा की किरण गौरी के रूप में नजर आई और वह उनके पास पहुंच गए। गोरी के तमाम प्रयासों के पश्चात आज वह दोनों स्वस्थ जीवन जी रहे हैं और पूर्व पार्षद गौरी का आभार करते नहीं थक रहे। वार्ड नंबर 1 फुलसुंगा निवासी मुन्ना ने बताया कि वह चाय की दुकान चलाता है। इस दौरान उसे पता चला कि उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई है वह आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं था कि अपना उपचार कर पाता ऐसे में वह गौरी के पास आया जब गौरी को यह पता चला तो उन्होंने मुन्ना का उपचार सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में कराया। प्राथमिक उपचार के पश्चात अग्रसेन अस्पताल में मुन्ना का ऑपरेशन किया गया और वह सफल रहा। मुन्ना ने बताया कि पूर्व पार्षद गौरी के प्रयासों से उन्हें जीवन दान मिला है ।वहीं दूसरी तरफ फुलसुंगा का निवासी उमरावती एक विवाहित महिला थी ।इस दौरान जब उसका पेट फूलना शुरू हुआ तो पति-पत्नी को लगा कि संभवत वह गर्भवती है लेकिन जब चिकित्सक से जांच कराई तो पता चला कि उसके पेट में रसौली है ।जिस पर उसका पति उसे छोड़कर चला गया और वह अपनी 7 साल की बेटी के साथ अकेली रह गई। गंभीर बीमारी से जूझ रही उमरावती ने गौरी के सामने गुहार लगाई इस पर गोरी ने मेडिसिटी और एम्स में उसका उपचार कराना चाहा लेकिन चिकित्सकों ने गंभीर हालत कहते हुए उपचार करने से मना कर दिया। बाद में कृष्णा अस्पताल के डॉक्टर राजेश से गौरी ने संपर्क साधा तो डॉक्टर राजेश ने बताया की ऑपरेशन हो सकता है लेकिन मृत्यु का खतरा भी है ।जिस पर उसकी जिम्मेदारी गौरी ने उठाई और कई घंटे ऑपरेशन हुआ और लगभग 8 किलो की रसौली महिला के पेट से निकाली गई आज महिला पूरी तरह से स्वस्थ है। दोनों ही कहते हैं कि गोरी उनके लिए किसी भी देव पुरुष से कम नहीं है जिन्होंने नई जिंदगी दी।