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जिला महेंद्रगढ़ में भूजल व्यवस्था सुधार एवं सुदृढीकरण का काम अंतिम चरण में-डाॅ अभय सिंह यादव सिंचाई मंत्री

सरकार ने विभिन्न गांवों के लिए जल भंडार किए मंजूर, टेंडर की मंजूरी के तुरंत बाद शुरू होगा काम* *भूंगारका, सिरोही बहाली, बनिहाड़ी, गोठड़ी, ढाणी बिशना, गोद एवं बलाह कलां गांवों को होगा सीधा फायदा*

 

नारनौल 19 जुलाई (सतीश कुमार)

 

  हरियाणा के सिंचाई व जल संसाधन मंत्री डॉ अभय सिंह यादव ने सिंचाई विभाग की ओर से महेंद्रगढ़ जिले में पिछले कई वर्षों से भूजल सुधार कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। भूजल सुधारीकरण की इस योजना का खाका वर्ष-2015 के अंत में तैयार हुआ था, जब उन्होंने हथिनी कुण्ड से नारनौल तक पश्चिमी यमुना नहर के साथ यात्रा के दौरान उक्त नहर के गहन निरीक्षण के बाद अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में मुख्यमंत्री हरियाणा को मूल रूप से यह प्रस्ताव दिया था कि इस जिले की जल व्यवस्था में सुधार करने के लिए इस जिले के बीचों-बीच बहने वाली कृष्णावती एवं दोहान नदियों को पुनर्जीवित करना न केवल आवश्यक है अपितु यह इस जिले की जल व्यवस्था के पुनर्जन्म जैसा होगा।

          *सिंचाई मंत्री ने कहा कि यह सत्य है कि जब नदियां जीवित थी तब इलाके में जल व्यवस्था लबालब थी, परंतु जब नदियां सूख गई तो इलाका भी सूख गया। सिंचाई विभाग द्वारा नदियों को नहर से जोड़ने का काम प्रारंभ हुआ और इसके तहत दोहान और कृष्णावती नदियों को दर्जनों जगह पर नहर से जोड़ा गया। परंतु सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी के अंतिम छोर अभी इससे दूर थे। इसी कमी को पूरा करने के लिए अब कृष्णावती नदी को नारनौल ब्रांच मुख्य नहर से जोड़ने के लिए राताकला एवं मानपुरा गांव के पास 50 क्यूसेक क्षमता की दो बड़ी पाइप लाइन सरकार द्वारा मंजूर की गई है, जिनके द्वारा वर्षा ऋतु में उपलब्ध होने वाला पानी नदियों में छोड़ा जाएगा।*

            उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त दोहान नदी को केन्द्रीय विश्वविद्यालय पाली के पास भी नहर से जोड़ा जा रहा है। इस प्रकार से दोहान नदी राजस्थान सीमा से लेकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय जाट पाली तक अनेक स्थानों पर नहर से जुड़ गई है। दूसरी तरफ कृष्णावती नदी को भी भेडंटी दोस्तपुर सीमा से मानपुरा तक पूरी नदी नहर से जोड़ दी गई है। उन्होंने बताया कि इन सभी परियोजनाओं का टेंडर प्राप्त हो चुका है तथा बाजरे की कटाई के तुरंत बाद इस पर काम प्रारंभ हो जाएगा।

            *श्री यादव ने बताया कि हाल ही में सरकार द्वारा मंजूर किए गए विभिन्न गांवों के जल भंडार का टेंडर भी प्राप्त हो चुका है तथा उसे मंजूरी के लिए मुख्यालय भेज दिया गया है। टेंडर की मंजूरी के तुरंत बाद इन पर काम प्रारंभ हो जाएगा। इनमें मुख्य रूप से भूंगारका, सिरोही बहाली, बनिहाड़ी, गोठड़ी, ढाणी बिशना, गोद एवं बलाह कलां सम्मलित हैं। इसके अलावा कमानियां एवं नांगल काठा गांवों में जल भंडार निर्माण की स्वीकृति उपरांत टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि चार एकड़ क्षेत्र में बनने वाला प्रत्येक टैंक रबी की फसल में लगभग 300 एकड़ जमीन की सिंचाई करेगा। यह जल भंडार राजस्थान बॉर्डर पर स्थित गांवों में रबी की फसल के लिए सर्दियों में पानी की कमी पूरा करने के लिए बनाए गए हैं। जल भंडार की यह योजना बिना किसी भेदभाव के सरकार की “सबका साथ सबका विकास” की नीति को धरातल पर लागू करने वाली है।*

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

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