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विश्व ध्यान दिवस: आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव का संदेश – योगाचार्य डॉ नवीन सिंह

बस्ती से वेदान्त सिंह
बस्ती।
मानसिक तनाव, भागदौड़ और असंतुलित जीवनशैली के इस दौर में ध्यान (मेडिटेशन) की उपयोगिता को वैश्विक स्तर पर स्वीकार करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व ध्यान दिवस मनाने की घोषणा की है। यह दिवस प्रतिवर्ष 21 दिसंबर को मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह ऐतिहासिक निर्णय 6 दिसंबर 2024 को लिया गया, जिसमें भारत ने सह-प्रायोजक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विश्व ध्यान दिवस का मुख्य उद्देश्य ध्यान के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करना है। आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में बढ़ते तनाव, चिंता, अवसाद और मानसिक असंतुलन को देखते हुए यह दिवस मानव कल्याण की दिशा में एक सार्थक पहल माना जा रहा है।
इस दिवस के प्रमुख उद्देश्यों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, तनाव व चिंता को कम करना, भावनात्मक संतुलन को बढ़ावा देना तथा आंतरिक शांति के साथ-साथ वैश्विक सद्भावना को मजबूत करना शामिल है। ध्यान व्यक्ति को स्वयं से जोड़ता है और उसे सकारात्मक सोच, आत्म-नियंत्रण एवं जीवन में संतुलन बनाए रखने की शक्ति प्रदान करता है।
विश्व ध्यान दिवस का महत्व केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और वैश्विक स्तर पर भी शांति और सहयोग का संदेश देता है। इस अवसर पर दुनिया भर में ध्यान सत्र, योग कक्षाएं, कार्यशालाएं, सेमिनार और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चाओं का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को ध्यान के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभों से अवगत कराया जाता है।
योगाचार्य डॉ. नवीन सिंह, संकल्प योग वैलनेस सेंटर, बस्ती के अनुसार, “ध्यान केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। नियमित ध्यान से व्यक्ति मानसिक रूप से सशक्त, भावनात्मक रूप से स्थिर और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनता है। विश्व ध्यान दिवस मानवता को शांति, करुणा और संतुलन की ओर प्रेरित करने का सशक्त माध्यम है।”
विश्व ध्यान दिवस न केवल ध्यान के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने भीतर शांति स्थापित कर ले, तो वैश्विक स्तर पर भी शांति और सद्भाव संभव है।

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