
ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग
जोधपुर 26 अकटूम्बर 025
क्रिया भवन में ज्ञान पंचमी का पर्व श्रद्धा से मनाया। हाथों से बने ज्ञान उपकरणों का श्रद्धालुओं ने लिया लाभ । पहिले ज्ञान ने पछी कीरिया…. नही कोई ज्ञान समान रे,,, ज्ञान की स्वर लहरियों से गुंजा क्रिया भवन । प्राचीन ग्रंथ आगम शास्त्र सुत्रों की हुई भव्य सजावट। श्री जैन श्रवेताम्बर मूर्ति पूजक तपागछसंघ के तत्वावधान में ज्ञान पंचमी की आराधना ज्ञान आगम साहित्य सूत्रों की सजावट व आराधना के साथ हाथों से बने ज्ञान उपकरणों का श्रद्धालुओं ने लाभ लिया तथा खंडपश्री संघ श्रावक चम्पा लाल विनायकिया के सानिध्य मे आगामी चातुर्मास की भाव भरी विनती की गई। संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया ने बताया नगर स्थित रत्नप्रभ धर्म क्रिया भवन में जैनाचार्य तपोरत्नसुरी के शिष्य रत्नों आदि साधु साध्वीवृंद के सानिध्य आराधना साधना ज्ञान का महापर्व ज्ञान पंचमी को लेकर ज्ञान साहित्य आगम सुत्रों की सजावट श्रृंगार के समक्ष पुजा अर्चना अनूठा अनुपम हाथों से बने जिसको बनाने में बिजली का बिलकुल उपयोग नहीं हुआ जैसे कागज कलम स्याही अकिक पत्थर स्लेट पाटी ठमणी आदि विभिन्न कई ज्ञान के उपकरणों का लाभ लिया व श्रद्धालुओं ने ज्ञान पंचमी तप तमे करो रे प्राणी जिम जाणे निर्मल ज्ञान रे …पहिले ज्ञान ने पछी क्रिया ना कोई ज्ञान समान रे…नंदी सूत्र मां ज्ञान वखानु ज्ञान पांच प्रकार रे मति श्रुत अवधी ने मन पर्यव केवल ज्ञान की करें आराधना आदि महिमा गुणगान किया गया।सचिव उम्मेदराज रांका संयोजक अमृतराज गोलियां ने बताया ज्ञान की महिमा पर बोलते हुए गणिवर्य विश्वरत्नविजय ने कहा कि ज्ञान के बिना मनुष्य पक्षुतुल्य समान है उन्होंने सामयिक व परमात्मा पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि दोनों का भी बहुत बड़ा महत्व है ज्ञान की वृर्दी से ही आत्मा का उद्धार होता है हमें ज्ञान व ज्ञानी जनों की आषातना कभी नहीं करनी चाहिए , ज्ञान की आषातना से कर्मो का बंधन होता है। उन्होंने शब्द ही पुदगल है व जीव व जड़ के लक्षण विस्तार से प्रकाश डाला। खंडपश्री संघ श्रावक चम्पा लाल विनायकिया के सानिध्य मे आगामी चातुर्मास खंडप में करने की भाव भरी विनती की गई व श्री संघ पुजन किया गया।

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