नये मेले और परंपराऐं दोनों महत्तवपूर्ण, एक के बिना दोनों अधूरे-सुशील गाबा
New fairs and traditions are both important, one is incomplete without the other – Sushil Gaba

ब्यूरो रिपोर्ट… रामपाल सिंह धनगर
रूद्रपुर – दीपावली पर मुख्य बाजार की परंपराओं एवं गांधी पार्क में लगे नये मेले के बीच सांमजस्य एवं पोषण को समाजसेवी सुशील गाबा नें आवश्यक बताते हुये नये मेले तथा पुरानी परंपराओं को शहर के लिये महत्तवपूर्ण बताते हुये कहा कि दोनों ही एक दूसरे के बिना अधूरे है।

जारी बयान में समाजसेवी सुशील गाबा नें कहा कि दीपावली देश का प्रमुख त्यौहार है। इस त्यौहार में देश के सभी बाजारों में ही खील-बताशे, सजावटी डेकोरेशन, बिजली उपकरणों, मूर्तियों, दिये आदि मिट्टी के सामान, पूजन में कार्य आनें वाले ऐपण, फल फूट, मिठाइयां आदि की खरीदारी होती है। देश के हर शहर के मुख्य बाजार में स्थित दुकानों के सामने इन सब दीपावली सीजन के लघु व्यापारियों से दुकानें सज उठती है। इन सबको देखनें पूरे क्षेत्र से लोग बाजार में उमड़ आते हैं। लघु दुकानदारों के साथ ही पुराने दुकानदारों, नगर निगम, क्षेत्रीय जनता से लेकर राज्य व राष्ट्र को आर्थिक लाभ होता है। इसमें सभी का लाभ ही लाभ है, किसी की हानि नहीं है।

श्री गाबा नें आगे कहा कि इस दौरान मुख्य बाजार में दसियों हजार जनता एक साथ सपरिवार मौजूद रहती है। कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था की दुरूस्ती के उपाय भी साथ ही साथ चलते रहते हैं। बढ़ती आबादी को देखते हुये निजी चौपहिया वाहनों व सार्वजनिक यातायात में महत्तवपूर्ण स्थान रखनें वाले टुकटुक आदि 5 दिन के लिये रोक दिये जाते है तथा गांधी पार्क में पार्किंग की अस्थायी व्यवस्था कर जाम से राहत के इंतजाम किये जाते है।
समाजसेवी सुशील गाबा नें आगे कहा कि इस बार उत्तराखंड शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन तथा नगर निगम नें गांधी पार्क में दीपावली मेले का आयोजन किया है, जिसमें देशभक्ति गीत, एकल, युगल तथा सामूहिक गायन, वादन एवं रंगारंग कार्यकम संपादित हो रहे है। यह देख स्वयं उनका और जनता का मन प्रसन्न हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही हमें बाजार की पंरपराओं की रौनकें बहुत कम देख चिंता भी हो रही है।
पुरानी परंपराओं तथा दीपावली मेले, इन दोनों को एक-दूसरे के साथ जोड़नें की सख्त जरूरत पूरा रूद्रपुर व क्षेत्रीय जनता महसूस कर रही है। यदि इन दोनों को देखें, तो यह दोनो एक दूसरे के पूरक ही लग रहे है।
यदि गांधी पार्क में रंगारंग कार्यक्रमों व दुकानों के साथ ही मुख्य बाजार में सफेट पट्टी के पीछे लघु व्यवसायिओं को पूर्व की भांति दुकानें लगानें की परंपराओं का संरक्षण किया जाये, तो लघु दुकानदारों, पुराने दुकानदारों, नगर निगम, क्षेत्रीय जनता, उत्तराखंड राज्य, भारतवर्ष देश की अर्थव्यवस्था सभी को लाभ ही लाभ होगा, किसी की हानि नहीं होगी। साथ ही असली खुशियों, रौनकों, तरक्की से भरी रूद्रपुर की दीपावली का असली आनन्द क्षेत्रीय जनता को मिल सकेगा।
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