LIVE TVअपराधउत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़सोनभद्र

दोषी विनोद बैगा को 10 वर्ष की कैद

20 हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी - जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित - करीब 3 वर्ष पूर्व हुए रविशंकर गौड़ हत्याकांड का मामला

ब्यूरो चीफ राम सुदीन, सोनभद्र

 

सोनभद्र। करीब 3 वर्ष पूर्व हुए रविशंकर गौड़ हत्याकांड के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी विनोद बैगा को 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने 20 हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक कमलेश कुमार गौड़ पुत्र स्वर्गीय राजेंद्र निवासी चोपन , थाना चोपन , जिला सोनभद्र ने 5 सितंबर 2022 को थानाध्यक्ष चोपन को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसका बड़ा भाई रविशंकर गौड़ 31 अगस्त 2022 को गौशाला की तरफ निकला था और उस समय हल्की बारिश हो रही थी। जब देर रात तक भाई वापस नहीं आया तो पूरे परिवार के लोग हर संभावित जगह खोजबीन किया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। इसीबीच कुछ लोगों ने बताया कि विनोद बैगा पुत्र शिवनाथ बैगा निवासी बिल्ली मारकुंडी, थाना चोपन, जिला सोनभद्र के घर की तरफ जाते हुए देखा था। वह अक्सर विनोद के घर आता जाता रहता है। देर रात होने व बारिश की वजह से सभी लोग घर वापस आ गए।दूसरे दिन एक सितंबर 2025 को सुबह साढ़े 11 बजे पता चला कि विनोद बैगा के घर के सामने 100 मीटर दूर टीले वाले खेत मे भाई का शव पड़ा है। इस सूचना पर घर के लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि भाई के सिर में चोट लगी थी और भाई की मौत हो गई थी। विनोद बैगा उसके भाई को खाने पीने के लिए बुलाया था। उसे आशंका है कि 31 अगस्त की रात में ही विनोद बैगा ने उसके भाई को लाठी डंडे से पीटकर हत्या कर दिया है। आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचना के दौरान विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी विनोद बैगा को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उसके ऊपर 20 हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

 

Viyasmani Tripaathi

Cheif editor Mobile no 9795441508/7905219162

Related Articles

Back to top button