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श्री कृष्ण भारतीय सनातन संस्कृति के महानायक: बीके सुमन
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सोनभद्र सेवाकेंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुआ आयोजन

ब्यूरो चीफ राम सुदीन, सोनभद्र
सोनभद्र। श्री कृष्ण भारतीय सनातन संस्कृति के महानायक है। उनका जीवन चरित्र हिंदू सनातन संस्कृति की महान विरासत है जो संपूर्ण मानव समाज के लिए वर्तमान में समय अत्यंत प्रासंगिक है। जीवन में अंतर्विरोध, चेतना में अंतर्द्वंद और निर्णय लेने में अनिर्णय की स्थिति उत्पन्न होने से ज़ब कर्तव्य पथ पर असहजता उत्पन्न होने लगे तो श्रीकृष्ण का गीता का उपदेश मन में चल रहे महाभारत में अर्जुन बनकर कर्तव्य पथ का विजेता बना देता है। श्रीकृष्ण के जीवन में धर्म, नीति, अध्यात्म, भक्ति और कर्म का अद्भुत समन्वय है जो मनुष्य को संपूर्ण सोलह श्रेष्ठ मानवीय कलाओं के अवतार के रूप में सहज भाव से जीवन जीने की राह दिखाता है। श्री कृष्ण के समान कर्मयोगी बनकर जीवन पथ पर उठाया गया प्रत्येक कदम सफलता की गारंटी सुनिश्चित करता है। उक्त बातें श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में श्रीकृष्ण के जीवन पर आध्यात्मिक प्रवचन करते हुए सेवाकेंद्र संचालिका बी•के• सुमन दीदी ने कहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मनुष्य जीवन विशेषकर युवावर्ग के जीवन में उथल -पुथल का जो दौर चल रहा है उस पर विजय प्राप्त करने के लिए श्री कृष्ण के जीवनमूल्य अत्यंत प्रासंगिक और अनुकरणीय हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर स्थानीय सेवाकेंद्र पर आकर्षक झांकी सजायी गई थी जो हमें अपने जीवन के बाल्यकाल में झांककर प्रसन्नता और सहजता के साथ जीवन जीने का संदेश देती हैं। स्वागत नृत्य करती आर्ना नें प्रस्तुत किया। रिशू नें मनमोहक कालिया नाग नृत्य प्रस्तुत किया । बच्चों से सुदामा कृष्ण के जीवन चरित्र पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर मित्रता के बीच अमीरी -ग़रीबी की रेखा को मिटाने का संदेश दिया श्री कृष्ण देव, द्वारपाल दीप वैभव, सुदामा का पार्ट करते कु•हर्षित, रुक्मणि सत्यभामा। कु•रिया कु•रिद्धि,नारद कु•पूनम, श्री कृष्ण कु •प्रिया, ओम प्रियांशु आयुष्मान, इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बी•के• सीता, बी•के• सरोज बी•के•कविता बी•के•दीपशिखा,डॉ बी•के• हरीन्द्र, राजीव शुक्ला, अवधेशधर दुबे नें सक्रिय सहयोग दिया।मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सदर भूपेश चौबे की गरिमामय उपस्थिति और सम्बोधन से उपस्थित लोगो में सनातन संस्कृति की भावना जीवंत हुई।