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श्रावणी उपाकर्म वेद प्रचार, सन्त सेवा और यज्ञोपवीत परिवर्तन का त्यौहार है – स्वामी श्रद्धानंद

बस्ती 10 अगस्त।
आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा श्रावणी उपाकर्म एवं वेद प्रचार सप्ताह के अंतर्गत ग्राम घरसोहिया में उपेन्द्र आर्य के नेतृत्व में शेषनाथ मिश्रा के घर पर वैदिक यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें दीपेन्द्र मिश्र, शेषनाथ मिश्रा और उपेन्द्र आर्य सपत्नीक यजमान रहे। यज्ञ कराते हुए आचार्य विश्वव्रत जी ने बताया कि यज्ञ हमारी उन्नति का केन्द्र है ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना करके हम उनके निकट हो जाते हैं तब उसकी दया और कृपा हमें प्राप्त होती है। उन्होंने सत्यनारायण कथा के पांचों अध्याय की भूमिका बताते हुए लोगों को आर्य समाज नई बाजार बस्ती में चल रही कथा में आमंत्रित किया।
इस अवसर पर स्वामी श्रद्धानंद ने अपने भजनोपदेश कहा कि श्रावणी पर्व वेद प्रचार, सन्त सेवा और यज्ञोपवीत परिवर्तन का त्यौहार है।प्राचीन काल में इसी पर्व से गुरुकुल में विद्यार्थियों का उपनयन करके वेद आदि आर्ष ग्रन्थों का अध्यापन किया जाता था। सर्वत्र जल वर्षा के कारण विद्वान, संन्यासी और साधु सन्त गृहस्थों को सुखमय जीवन, आचार, विचार और सात्विक आहार और चिकित्सा आदि के विषय में बताते थे। ऋषियों महात्माओं के बताए मार्ग पर चलने का व्रत लेकर गृहस्थ जन सेवा का व्रत लेकर अपने अपने जीवन में सत्य को ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने के लिए तैयार रहते थे। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है संसार का उपकार करना अर्थात धार्मिक आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
इस अवसर पर मुख्य रूप से राम तनय, राधेश्याम आर्य, सुरेन्द्र आर्य, प्रमोद पाण्डेय, तनु शर्मा, देवव्रत आर्य, ब्रह्मानंद पाण्डेय सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
गरुण ध्वज पाण्डेय