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चकरिया चौकी के दीवान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश

करीब दो माह पूर्व दलित महिला के घर में घुसकर छेड़छाड़ करने का है आरोप - विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र की कोर्ट ने प्रभारी निरीक्षक कोन को सीओ से विवेचना कराने व परिणाम से अवगत कराने का दिया आदेश

ब्यूरो चीफ राम सुदीन सोनभद्र

 

सोनभद्र। करीब दो माह पूर्व चकरिया चौकी के दीवान शमशेर सिंह यादव द्वारा दलित महिला के घर में घुसकर छेड़छाड़ करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट सोनभद्र आबिद शमीम की अदालत ने प्रभारी निरीक्षक कोन को एफआईआर दर्ज करने व सीओ से मामले की विवेचना कराने के साथ ही परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है। यह आदेश कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 38 वर्षीय दलित महिला द्वारा अधिवक्ता रोशनलाल यादव के जरिए दाखिल 173(4) बीएनएसएस प्रार्थना पत्र पर दिया गया है।

दिए प्रार्थना पत्र में दलित महिला ने आरोप लगाया है कि 13 मई 2025 को प्रातः 4 बजे भोर की घटना है। चकरिया चौकी का दीवान शमशेर सिंह यादव शराब के नशे में धुत होकर उसके घर पर आया और दरवाजा खटखटाने लगा और पूछा कि तुम्हारा पति घर पर है कि नहीं तो उसने बताया कि बारात में बाजा बजाने गए हैं। इतना सुनते ही दीवान ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे चारपाई पर पटक कर जबरन छेड़छाड़ करने लगा। जब जोर जोर से रोने व चिल्लाने लगी तो उसका 12 वर्षीय बेटा भी जग गया और वह भी दरवाजे के बाहर रोने व चिल्लाने लगा। शोरगुल की आवाज सुनकर गांव घर व आसपास के लोग इकट्ठे हो गए तो दीवान धक्का देकर उसे गिरा दिया और भाग गया। मौके पर मौजूद लोग पुलिस वाले के भय की वजह से उसे नहीं पकड़े। जब सुबह उसके पति आए तो पूरी बात उनसे बताई। पुलिस के डर की वजह से चकरिया चौकी व कोन थाने पर सूचना देने नहीं गई। 16 मई 2025 को घटना की सूचना एसपी सोनभद्र को रजिस्टर्ड डाक से भेजा, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब मजबूर होकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया है।

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिवक्ता रोशनलाल यादव के तर्कों को सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर गम्भीर प्रकृति का अपराध मानते हुए पुलिस द्वारा विवेचना कराया जाना आवश्यक मानते हुए प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया। साथ ही प्रभारी निरीक्षक कोन को चकरिया चौकी के दीवान शमशेर सिंह यादव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही सीओ से विवेचना कराने व परिणाम से न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया है।

 

Viyasmani Tripathi

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