खैरथल- तिजाराब्रेकिंग न्यूज़राजस्थान

जल संरक्षण में खैरथल-तिजारा का अभूतपूर्व योगदान, ‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ में राज्य में 8वां स्थान प्राप्त

ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार शर्मा

 

खैरथल-तिजारा, 10 जुलाई। राजस्थान सरकार द्वारा शुरू किए गए वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जिला खैरथल-तिजारा ने जल संरक्षण और जनसहभागिता के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिले ने इस अभियान में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए राज्य स्तरीय रैंकिंग में शीर्ष से 8वां स्थान प्राप्त किया है।

अभियान के दौरान जिले में 7,750 कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया, जिनमें 2.15 लाख महिलाओं सहित 4.03 लाख आमजन ने सक्रिय भागीदारी निभाई। यह अभूतपूर्व जनभागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज के सभी वर्ग जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर जागरूक और संवेदनशील हो रहे हैं।

जिले के प्रभारी मंत्री, प्रभारी सचिव एवं जनप्रतिनिधियों ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई और स्वयं मौके पर पहुंचकर श्रमदान एवं जनजागरूकता में योगदान दिया। अभियान की सफलता में सरकारी तंत्र, सामाजिक संस्थाएं और स्वयंसेवियों का सामूहिक योगदान सराहनीय रहा।

अभियान की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि जिले ने सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) और जनदान के माध्यम से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान समिति मद में ₹55.83 लाख एकत्र किए, जिससे खैरथल-तिजारा राज्य में प्रथम स्थान पर रहा। साथ ही, एक करोड़ रुपये से अधिक लागत के जल संरक्षण कार्य भी सीएसआर माध्यम से करवाए जा रहे हैं।

अभियान के दौरान 2,423 जल स्रोतों, गौशालाओं, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई। 384 कार्यों का अवलोकन, लोकार्पण और नए कार्यों का शुभारंभ किया गया। वहीं 2,290 स्थलों पर आमजन द्वारा श्रमदान कर जल संरक्षण के प्रति सामूहिक चेतना का परिचय दिया गया।

सीएसआर सहयोग से “कर्मभूमि से मातृभूमि योजना” के अंतर्गत 99 रिचार्ज शाफ्ट/संरचनाएं तैयार की गईं, जो वर्षा जल को भूमिगत रिचार्ज करने में सहायक होंगी। इसके अलावा 284 मैजिक पिट व सोक पिट का निर्माण किया गया। जनजागरूकता के लिए 1,642 आईईसी (सूचना, शिक्षा व संप्रेषण) गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें निबंध, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रतियोगिता, प्रभात फेरियां आदि सम्मिलित रहीं। स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों को विशेष रूप से जोड़ा गया।

पर्यावरण संरक्षण के लिए जल संरक्षण के साथ-साथ वृक्षारोपण पर भी विशेष जोर दिया गया। हरियाळो राजस्थान अभियान के तहत जिले में 3,14,860 वृक्षारोपण हेतु गड्ढों की खुदाई की गई। ग्रामीण क्षेत्रों के 596 गांवों में 5,701 कार्यक्रम और शहरी क्षेत्रों के 7 शहरों में 2,049 कार्यक्रम आयोजित कर व्यापक जनसंवाद और हरियाली का संकल्प लिया गया।

‘वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान’ केवल जल स्रोतों के संरक्षण का प्रयास नहीं, बल्कि “जन से जन तक जागरूकता फैलाकर, प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व को निभाने की मुहिम” बन चुका है। खैरथल-तिजारा जैसे जिले इस दिशा में आगे बढ़कर राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।

Viyasmani Tripathi

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